नहीं मालूम किस दिन कौन से किरदार में होंगे,
ये दौलतमंद हिस्सेदार हर सरकार में होंगे।
सड़क फुटपाथ पर होंगे हमेशा की तरह हम तुम,
लुटेरे देश के महंगी, विदेशी कार में होंगे।
हमारी तो कलम की नौंक उनके दिल में चुभती है,
किसी राजा से कम हैं क्या, यही उनके ठिकाने हैं,
किसी जलसे में शामिल होंगे या फिर बार में होंगे।
अचानक डाल देंगे सामने आकर वो हैरत में,
किसी को भी नहीं मालूम किस अवतार में होंगे।
हमारे मसअले संसद में कोई क्यों उठाएगा,
किसी चेनल की ख़बरों में न हम अख़बार में होंगे
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