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31 जुलाई 2025

कल रात, गांधी यानी महात्मा गांधी मेरे ख्वाब में आये, यह मेरा भ्रम था, या सचमुच का मेरा सपना, पता नहीं

 

कल रात, गांधी यानी महात्मा गांधी मेरे ख्वाब में आये, यह मेरा भ्रम था, या सचमुच का मेरा सपना, पता नहीं , लेकिन बात सो टका सही है, महात्मा गांधी कुछ खुश थे , तो कुछ ग़म में थे, खुश इसलियें के उन्हें यक़ीन होने लगा, के छोटे गांधी, यानी राहुल गांधी भविष्य में देश की सत्ता संभालने की तरफ कामयाबी की तरफ बढ़ रहे हैं, वोह खुश थे क्योंकि उनका नाम, गांधी नाम, उन्होंने फ़िरोज़ को दिया था जो खुद भी भारत के लिये मर मिटने वाले फ्रीडम फाइटर थे, फिर इंद्रा जी उनकी पत्नी बनीं ,बतो वोह भी गांधी हुईं, फिर तो संजय गांधी, राहुल गांधी, हरफन मोला, टोपेस्ट लीडर, भारत को सुरक्षित, संरक्षित, विकसित करने वाले कामयाब रहे, लेकिन राजीव गांधी के बलिदान के बाद यह सिलसिला रुक सा गया था, थम सा गया था, सभी कोशिशें बेकार थीं, निराशाजनक माहौल था, लेकिन अब पुअर परफॉर्मेंस से ऊपर , राहुल गांधी की सुपर परफॉर्मेंस से, गांधी नाम की कामयाबी पर , फिर से सकारात्मक, आशावादी माहौल बना है, इससे महात्मा गांधी खुश थे, लेकिन चिंतित भी थे, नाथूराम गोडसे , उनके समर्थकों के साथ महात्मा गांधी के विचार समर्थक होने का दिखावा करने वाले अब अधिकतम , गांधी दर्शन को छोड़कर, गोडसे विचार, गोडसे समर्थको के दर्शन में डंके की चोट पर , बढ़ी बेशर्मी से शामिल हैं, महात्मा गांधी दुखी थे, उनके नाम करोड़ों करोड़ के ट्रस्ट, अरबों की सम्पत्ती मटियामेट है, निजीवाद कुप्रबंध का शिकार है, राजस्थान की गांधी गिरी से तो वोह बेहद खफा, बेहद मायूस से थे, गांधी के नाम पर वर्षों मज़े करने वाले यह लोग, अंदर से गोडसे समर्थक, गोडसे विचारक, गांधी का छद्म चेहरा लिये, देश को, लोगों को , धोखा देते रहे, लेकिन वक़्त नें , उनके विचार, उनका सही चेहरा, बेनकाब ही करके रख दिया, राजस्थान में गांधी दर्शन, गांधी प्रचार, गांधी विचार के नाम पर बंदरबांट, भ्रष्टाचार से तो वोह बहुत आहत से थे, उससे भी ज़्यादा इस मामले में भाजपा सरकार की कोंग्रेस के गांधी भ्रष्टाचार, फ़िज़ूलखर्ची के मामले में सांठ गांठ , भ्रष्टाचार की जांच नहीं कराने, गांधी के विचार प्रचार, दर्शन प्रदर्शन, प्रशिक्षण, कार्यशाला, भवन , प्रदर्शनी , म्यूज़ियम के नाम पर खुली फिजूलखर्ची, कोंग्रेस के सो कोल्ड गांधी के शासन में खुली बंदरबांट ओर भाजपा के आने के बाद, सो कोल्ड गांधी की, निजी टीम का भाजपा में डेपुटेशन, ट्रांसफर से तो वोह हतप्रभ थे, वोह चाहते थे, उनके नाम पर , सो कोल्ड गांधी काल में जो भी फ़िज़ूल खर्ची, अनियमित्ता, भ्रष्टाचार, अनावश्यक खर्च हुए हैं, उनकी पाई पाई का हिसाब पारदर्शिता के साथ भाजपा के शासन में निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों की सज़ा के साथ होना ही चाहिए, में , गांधी से सपने में, कुछ और सुनता, समझता, पूंछता, इसके पहले ही, श्रीमती जी ने झिंझोड़ कर उठा दिया, उठो जी फजर का टाइम जा रहा है, ओर में आंखें मलता हुआ, इस विचार, इस ख़्वाब, इसकी प्रासंगिकता, इसके साकार होने के विचारों में खो गया, फिर सोचा , आम जनता जो सो रही है, जो व्यक्तियों के साथ है, देश के साथ नहीं हैं, कुछ जाग भी रहे हैं लेकिन हिम्मत पस्त होने से खामोश है, उनके समक्ष यह दास्तान ऐ ख़्वाब रखकर, उनके तास्सुरात जगाने , झिंझोड़ने की कोशिश तो करूं, अख़्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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