मै तुम्हारे लिए कविताएं लिखूंगा,
बिना बात की कविताएं,
ढेरों जज्बात की कविताएं,
कुछ चुटीली कविताएं,
कविताएं जिनमें प्रेम नहीं होगा,
ज़िन्दगी से भरपूर होंगी वो, हवा सी ताज़गी भी होगी उनमें,
ढेरों शिकायतें होंगी उनमें, थोड़ी नाराजगी भी होगी,
अल्लहड़ होंगी वो कुछ तुम्हारी तरह, कुछ मासूम सी हमारी तरह,
उनमें कोई माध्यमिक भाव नहीं होगा, किसी भी ख्वाहिश का अभाव नहीं होगा,
उनमें मुस्कुराहटें होगी शैतान सी, ठहाके भी होंगे कुछ बेईमान से,
वो चमकाएंगी आंखें अपने शब्दों से, मै सुनाऊंगा तुमको सारी अपने लब्जों से,
वो कविताएं मै लिखूंगा जरूर,
बिना शब्दों कि कविता,
बिना भाव की कविता,
कहीं नहीं उकेरी जाएंगी, न डायरी न किताब, न ही कोरे कागज पर,
लेकिन वो होंगी जरूर,
वो लिखी होंगी मेरी आंखों में,
वो झलकेंगी तुम्हारी मुस्कुराहटों में,
मै तुम्हारे लिए कविताएं लिखूंगा जरूर....

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