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16 मई 2025

आदरणीय सम्मानीय ,, राष्ट्रिय ध्वज तिरंगे जी ,, में शर्मिंदा हूँ

 

आदरणीय सम्मानीय ,, राष्ट्रिय ध्वज तिरंगे जी ,, में शर्मिंदा हूँ ,, के तुम्हारे सार्वजनिक तोर पर , बेशर्मी से डंके की चोट पर हुए अपमान के बाद भी , राजस्थान के ज़िम्मेदार पद पर रहने वाले , अपमान करने वाले आरोपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई , कार्यवाही तो छोड़िये , अख़बारों से खबरें गायब , भाजपा जो राष्ट्र प्रेम का दम्भ भरती है , भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष , राष्ट्रिय अध्यक्ष , मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री , सहयोगी संघ से जुड़े ज़िम्मेदार , सभी तो इस मामले पर चुप , चिड़ी चुप हैं , देश भर में राष्ट्रिय ध्वज की तिरंगा यात्रा हो , यात्रा में भाजपा के राष्ट्रीयता का भाव दर्शित करने वाले , जयपुर से भाजपा विधायक आदरणीय बालमुकन्दाचार्य साहब हों , उनके हाथ में अव्यस्थित मुड़ा हुआ , तिरंगा हो , और अचानक वोह उस तिरंगे से , नाक पोंछते नज़र आएं फिर पसीना पोंछते नज़र आएं , सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने बहादुरी दिखाई , लेकिन अफ़सोस इस घटना के बाद , भाजपा ने कोई नोटिस नहीं लिया , तो फिर काहे का राष्ट्र प्रेम , काहे का तिरंगा प्रेम , चलो , कोई बात ,नहीं लेकिन आदरणीय विधायक जी बालमुकन्दराचार्य साहिब की सुनिए , अपनी सफाई में वोह गलती नहीं मानते ,, , पहले तो वोह तिरंगे को लेकर कांग्रेस को , कांग्रेस के झंडे को , कांग्रेस के चुनाव चिन्ह को कोसते हैं , और विडिओं को झुंठलाते हुए बेशर्मी से कहते हैं , मुझे किसी ने एक कपड़ा हाथ में पकड़ा दिया , जो तिरंगे नुमा था , मेने उसे चूम लिया , और पसीना तो मेने दूसरे कपड़े से पोंछा हैं वोह कपड़ा भी वोह बताते हैं , आदरणीय विधायक जी बालमुकन्दाचार्य साहब ऐसा कर सकते हैं , क्योंकि , तिरंगा रैली में चल रहे लोगों में , ,तिरंगे से किसी को अगर वास्तविक प्रेम अगर होता , तो वोह उसी वक़्त टोक देते , रोक देते , माफ़ी मंगवा देते लेकिन ऐसा हुआ नहीं , क्योंकि होता भी क्यों , तिरंगा सियासत के लिए इस्तेमाल हो रहा था , राष्ट्रधर्म के लिए नहीं , विधायक जी ऐसा कर सकते हैं , क्योंकि उन्हें पता है , विपक्ष कांग्रेस उसके नेता सो रहे हैं , उन्हें ऐसे राष्ट्रीय ध्वज मुद्दों से कोई मतलब नहीं, कोंग्रेसियों को भी तिरंगे के मान , सम्मान , अपमान से कोई खास वास्ता नहीं , और खासतौर पर जब , कांग्रेस भाजपा आंतरिक गंठबंधन से जीते विधायक जी ,, के विरुद्ध सुबूतों के साथ मामला हो , तो भी अनदेखी तो पक्की है , और यही वजह रही के , कवंरलाल विधायक की विधायिकी के खिलाफ तो सतर्क है , लेकिन इस तिरंगे के अपमान पर कोई एक शब्द भी लिख कर देने , एफ आई आर करवाने , राज्यपाल महोदय को , पुलिस महानिदेशक महोदय को , लिखकर देने को तय्यार नहीं , खेर कांग्रेस भाजपा गठबंधन , चुप्पी , तू मेरी मत कह , में तेरी नहीं कहूँ , हिन्दू मुस्लिम करो , मस्त रहो , तुम भी राज , करो हम भी मज़े करें, वाले फार्मूले की वजह से , ,कांग्रेस की चुप्पी तो वाजिब मान लेते हैं , लेकिन स्वप्रेरित पुलिस थानाधिकारी , पुलिस अधिकारी जो हर कार्य्रकम की विडिओ ग्राफ़ी कराते हैं , उनकी कर्तव्यनिष्ठा की शपथ , उनका कर्तव्य , ईमानदारी , राष्ट्र प्रेम कहाँ गया , ,वोह खुद एफ आई आर दर्ज कर सकते थे , खेर इनकी बात भी छोड़ें ,,,, इन्हे ट्रांसफर का खौफ है , लेकिन पत्रकार जी , खासकर प्रिंट पत्रकार जी , शर्म आती है , ऐसे राष्ट्रीय मुद्दों पर भी , मैनेजमेंट , खबर को छुपाने की प्रकृति , वोह भी राष्ट्रिय तिरंगे के मुद्दे पर , सिर्फ इसलिए के अगर यह खबर अख़बारों में प्रमुखता से आई , तो कहीं , ऐसा ना हो , किसी हाईकोर्ट जज साहब का तिरंगे के सम्मान के विरुद्ध इस कृत्य को लेकर , कर्तव्य जागे और वोह खुद मध्य्प्रदेश के हाईकोर्ट जज साहब की तरह , तिरंगे के अपमान को लेकर चुप्पी , और कोई कार्यवाही नहीं किये जाने के मामले में स्वप्रेरित संज्ञान लेकर , पुलिस महानिदेशक राजस्थान को , एफ आई आर दर्ज करवाने के लिए ना कह सकें , लेकिन पत्रकार , साथियों , ,मुद्दों से , घटनाओं से , राष्ट्रिय मुद्दों से अलग हटने , मुंह छुपाने से रोज़गार तो चल सकता है , यारी दोस्ती निभाई जा सकती है , लेकिन देश के साथ , देश की जनता के साथ , देश के क़ानून और संविधान के साथ , तुम्हारा कितना बढ़ा अपराध है , ,प्रिंट मिडिया एक तुम ही थे जिससे थोड़ी बहुत , उम्मीदें थीं लेकिन इस घटना , खबर गायब प्रबंधन ने , प्रिंट पत्रकारिता का सर भी शर्म से झुका दिया है , , इलेक्ट्रॉनिक के लिए तो में क्या कहूँ , ज़माना कह रहा है , ऐसे मुद्दों पर ,, जब भाजपा के विधायक हों , तो ना रुबिका लियाक़त , ना रजत शर्मा , ना अभिसार , ना पूंछता है भारत , ना चित्र त्रिपाठी जी , ना ही कोई और , कभी नहीं , बिलकुल नहीं , लेकिन एक अदालत ईश्वर की, अल्लाह की अदालत है , जो देश , संविधान , देश तिरंगे के मान सम्मान को अपमानित करने वालों के ज़मीरों को झकझोरेगा , और प्रायश्चित करने पर मजबूर करेगा , , ,,,लोगों की सेवा करने पर मजबूर करेगा , वैसे विधायक बालमुकन्दाचार्य चाहे विवादित हों , लेकिन वोह कई मामलों में खरे भी हैं , सही भी हैं , फिर भी उनका यह अपराध अगर वोह माफ़ी मांग लेते तो क्षम्य था , लेकिन जिस तरह से चोरी और सीना जोरी वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए उन्होंने यह अपमानकारी कृत्य के विरुद्ध सफाई दी है , वोह क्षम्य नहीं , हरगिज़ क्षमा योग्य नहीं ,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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