अस्पताल में नई ओपीडी भवन में इमरजेंसी सेवा शुरू करने का मामला अदालत में पहुंचा
के डी अब्बासी
कोटा। कोटा शहर के एमबीएस अस्पताल में नई ओपीडी भवन में इमरजेंसी सेवा शुरू करने का मामला अदालत में पहुंच गया है। इस मांग को पूरा करवाने को लेकर जनहित याचिका पर स्थायी लोक अदालत ने मंगलवार को जिला कलेक्टर एवं महाराव भीम सिंह चिकित्सालय के अधीक्षक से जवाब-तलब किया है। याचिका पर सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।
वकील लोकेश कुमार सैनी, स्वतंत्र पत्रकार धर्मबंधु आर्य, पत्रकार जगदीश अरविंद एवं समाजसेवी जगदीश प्रसाद नायक ने याचिका में बताया कि एमबीएस अस्पताल में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 40 करोड रुपए की लागत से नया ओपीडी भवन बनाया है। इसमें इमरजेंसी सेवा प्रारंभ की जानी थी। इसके लिए अलग कक्ष भी बनाया गया उसमें ऑक्सीजन पाइपलाइन डालनी थी। परंतु नहीं डाली । जिसमें इमरजेंसी सेवाएं प्रारंभ नहीं हो सकती है। भवन में ओपीडी सेवाओं को प्रारंभ हुए 1 साल से अधिक समय हो चुका है। परंतु जिला प्रशासन एवं अस्पताल प्रशासन की अनदेखी लापरवाही के कारण ऑक्सीजन पाइपलाइन के अभाव में इमरजेंसी कक्ष में ताले लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी कक्ष में 15 बेड मेडिसिन एवं 15 बेड सर्जरी के लगे हैं। आईसीयू वार्ड बना है। परंतु ऑक्सीजन पाइप लाइन के अभाव में बेड अनुपयोगी है। ऑक्सीजन पाइपलाइन डालने में करीब 50 लख रुपए खर्च होने हैं। उक्त मामला कोटा उत्तर विधायक शांति धारीवाल ने विधानसभा में उठाया था। परंतु उसके बाद भी यह सेवा प्रारंभ नहीं हुई है । पुराने भवन में 125 नंबर कक्षा में इमरजेंसी चल रही है। जिसकी दीवारें सीलन से खराब हो चुकी है । एक ही कक्षा में मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थो, हृदय एवं अन्य इमरजेंसी सेवाओं के डॉक्टर बैठते हैं। मरीज को भर्ती करने का अलग कक्ष है । उसमें भी मरीज को कृत्रिम वेंटीलेटर के लिए मंबू बेग से ऑक्सीजन दी जाती है । जो गंभीर मरीजों के लिए पूरी तरह से ठीक नहीं है।
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