कोंग्रेस के फूल छापियों, की बदौलत भाजपा ज़िंदाबाद, ओर कोंग्रेस ज़िंदाबाद होकर भी मुर्दाबाद है,
राजस्थान में भाजपा सरकार ने खुलकर चुन चुन कर कोंग्रेसियों से बदले लिए मन चाहे ट्रांसफर किये , चुने हुए प्रतिनिधियों में नगर पालिका चेयरमेन , पार्षद , पंच , सरपंचों को , मनचाहे तरीके से हटाया ,,,चंबल फर्टिलाइज़र्स फैक्ट्री से गैस रिसाव हुआ , कोटा में मन चाहे ट्रांसफर हुए ,, नगर पालिका चेयरमेन आयना महक , सरपंच मोइज़ुद्दीन गुड्डू , प्रधान नईमुद्दीन गुड्डू को , अवैध तरीके ,गैर क़ानूनी तरीके से हटाया , सब चुप रहे , तो जनाब फिर कांग्रेस को पूंछेगा कोन ,, क्यों पूंछे कार्यर्कता कांग्रेस को , वैसे भी कांग्रेस जब राजस्थान में सत्ता में रहती है , तो उसकी चाबी , भाजपा के नेताओं के हाथों में रहती है , और जिन भाजपा नेताओं को गिरफ्तार किया जाकर सज़ा मिलना चाहिए , उनके काले कारनामे , लूट ,, खसोट , अतिक्रमण वगेरा की जांचें होना चाहियें , उन्हें कांग्रेस के लोग सर पर बिठा कर घूमते नज़र आते है , जिसे हर कार्यर्कता पूरे पांच साल तक देख देख कर जान जलाता फिरता है , फिर वही , कांग्रेस ढाक के तीन पांत हो जाती है , कुछ लोग जो भाजपा के एजेंट हैं , वोह तो मज़े करते हैं , लेकिन जो लोग ओरिजनल कोंग्रेसी है , बूथ पर , सड़क पर कांग्रेस के लिए लड़ते है ,, उन्हें भाजपा के शासन में , प्रताड़ित किया जाता है , उनके रिश्तेदारों से ट्रांसफर के नाम पर बदले लिए जाते हैं , और यह फूल छाप कोंग्रेसी आँखे मूंद कर मज़े करते नज़र आते हैं ,, भाजपा परस्त फूलछाप कोंग्रेसियों को मुबारकबाद , क्योंकि सरकार कांग्रेस की नहीं लेकिन फिर भी वोह सरकार में हैं , खेर सरकार है आती जाती रहती है , लेकिन कांग्रेस का जो मूल भाव , सभी का साथ , सभी का विकास , और चमचों का हो बोलबाला ,,, ओरिजनल , कांग्रेस कार्यकर्ताओं , कांग्रेस समर्थकों का हो सत्यानास , उसी तर्ज़ ,पर यक़ीनन कांग्रेस ने पांच सितारा संस्कृति के हिसाब से काम किया है ,,,, और नतीजे आज सामने ,है जो कांग्रेस देश में विश्व स्तर पर हीरो हुआ करती थी , , आज वोह कांग्रेस ज़ीरो होकर अपने अस्तित्त्व के लिए फिर से कांग्रेस को बर्बाद करने का सबब बने लोगों के नेतृत्व में ही सिसकती हुई , ज़िंदा रहने के लिए संघर्ष कर रही है ,, जी हाँ दोस्तों ,, देश देख रहा है , कांग्रेस की तबाही की दास्तान , लेकिन हमे तो सिर्फ कोटा और राजस्थान से मतलब है , यहां भाजपा का शासन आ गया है , चुन चुन कर, कांग्रेस पदाधिकारियों , निर्वाचित लोगों से जिन्होंने भाजपा से समझौता नहीं किया , जिन्होंने फूल छाप कोंग्रेसियों के एजेंट सरगनाओं के आदेश की पालना नहीं की ,, आज उन्हें मुर्दाबाद कहा जा रहा है , हटाने की मांग उठाई जा रही है , तो निर्वाचित पदों से बिना किसी प्रारम्भिक जांच के हटाया जा रहा है , सिस्टम है , व्यवस्थाएं है , टूटी हुई ,, मौक़ापरस्त कांग्रेस है , प्रदेश अध्यक्ष हैं ,, लेकिन नहीं हैं, प्रभारी हैं , लेकिन नहीं हैं , सह प्रभारी है , जिला प्रभारी हैं , लेकिन नहीं हैं , जिला अध्यक्ष हैं , लेकिन नहीं है , ब्लॉक अध्यक्ष है लेकिन नहीं है , बात साफ़ है , संगठन का असतीत्व ही खतरे में पढ़ा है , कोई इसकी जेब में तो कोई उसकी जेब में है , और बेचारी कांग्रेस या तो ताले में बंद है , या फिर कुछ गिनती के एक ,, दो ,, तीन , चार ,, पांच , छह , साथ ,, इस कांग्रेस से फुटबॉल खेल रहे हैं , ओरिजनल कोंग्रेसियों को प्रताड़ित कर रहे हैं , कार्यकर्ताओं से मिलना इनकी फितरत नहीं , कार्यकर्ताओं की सुन्ना इनकी फितरत नहीं , कार्यकर्ताओं के पत्र पहुंचने पर उन्हें खोलना, उन्हें पढ़ना , प्रतिक्रियाएं भेजना इनकी फितरत में नहीं , डिजिटल ज़माने में ई मेल खोलना जवाब देना ,, कार्यकर्ताओं के फोन उठाना , उनसे बात करना , उनके वाट्स ऐप देखना , जवाब देना , इनकी फितरत में नहीं , हारे हुए सभी खिलाड़ी , कांग्रेस को जिताने के लिए रणनीतिकार होकर ,, कांग्रेस को ज़ीरो करने की कामयाब कोशिशों में जुटे हैं , ,इंद्रा जी की कांग्रेस , आज भानमती का ,कुनबा होकर कुछ लोगों की मनमर्ज़ी की गुलाम हो गई है , कांग्रेस के सिद्धांत , नीतियां , प्रस्ताव , कांग्रेस का संविधान कचरे में पढ़ा है , ,कांग्रेस कार्यालयों में ताले हैं , अध्यक्ष ,, प्रदेश अध्यक्ष , राष्ट्रिय अध्यक्ष , राष्ट्रीय पदाधिकारी , संगठन की ज़िम्मेदारियों के लिए मिलने को तय्यार नहीं , दफ्तरों में उपलब्ध नहीं ,चलो में टास्क देता हूँ , ,किसी भी गंभीर मुद्दे पर , कोई भी कोंग्रेसी , तुरंत प्रभाव से कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष से ,, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रिय अध्यक्ष राहुल गांधी से एपॉइंटमेंट लेकर बतादे और मुझ से इनाम ले जाये, तो फिर जनाब लाटसाहबों की लाटसाहबी अगर रही तो फिर तो यह अंग्रेजी गुलाम मानसिकता है , अंग्रेज़ों को भगाकर भारत को आज़ाद कराने वाली , संघर्ष करने वाली कांग्रेस नहीं है , ,तो फिर कांग्रेस को , इन व्हाइट कॉलर , फूल छापियों , कार्यकर्ताओं से कोसो दूर रहने वाले पदाधिकारी , , विधायक भी में , सांसद भी में , पदाधिकारी भी में सारे पद मुझे दो , जीत जाऊं तो ठीक ,, टिकिट मुझे ही दो , हार जाऊं तो संगठन में हूँ ही सही , अजीब तमाशा है , बस गिनती के दस बीस लोग , और पूरा देश , पूरा कोंग्रेसी लहू लुहान है , क्योंकि कांग्रेस का लिखित संविधान कांग्रेस संगठन संचालन पर लागू नहीं , जो व्यवस्थाएं है , वोह तो गैरकांग्रेसी शैतानी हैं , खेर अब बात राजस्थान की सियासत की करते , हैं कांग्रेस के दिग्गज , मुख्यमंत्री के खुद को दावेदार बनाकर विधायक का चुनाव तो लड़ते हैं , लेकिन ,,बहुमत अगर नहीं होता , तो फिर यह विधायक बनकर भी , एक विधायक की ज़िम्मेदारी को पलीता लगा देते है , विधानसभा में यह न्यूनतम उपस्थित होते हैं ,, राजस्थान की , इनके विधानसभा क्षेत्र यह विधानसभा में नहीं उठाते है , बस ,, बाहर सोशल मिडिया और अख़बार के ज़रिये देश भर में घूमते फिरते कहते रहते हैं , ,हाल ही में राजस्थान में भाजपा ने चुन चुन कर कांग्रेस के निर्वाचित प्रतिनिधिओं ,, पार्षदों , पंच , सरपंचो , नगर पालिका चेयरमैनो को हटाया , प्रधान को हटाया , लेकिन कांग्रेस ने , समूहबद्ध होकर इस मामले में कोई रणनीति नहीं बनाई , कोई , आन्दोलन नहीं किया , कोई आवाज़ नहीं उठाई ,कांग्रेस के वोटर , वोटर समर्थकों , कार्यकर्ताओं को जातिगत , सामाजिक आधार पर , ट्रांसफर के वक़्त , चुन चुन कर निशाना बनाया , लेकिन कांग्रेस के लोग समूहबद्ध होकर इस मामले में एक शब्द भी नहीं बोले, , यह लोग जीतते हैं , तो कार्यर्कताओं से मिलते नहीं हार जाते हैं , तो कार्यर्काओं को बुला बुला कर मिलने की कोशिशों में लगते हैं , प्रदेश कांग्रेस कमेटी , जिला कांग्रेस कमेटी अगर ऐसे मामलों में , जब पंचायत भंग हुई , जब नगर निगम खत्म हुए , दो नगर निगम खत्म कर एक नगर निगम बनाने की शुरुआत हुई , एक शब्द भी कांग्रेस नहीं बोली , कोई आवाज़ नहीं उठाई ,जबकि इस मामले में , हाईकोर्ट पहले ही अपना फैसला दे चुकी थी , अभी हाल ही में कोटा में ,, पहले , नगर पालिका केथून से आयना महक , फिर बनियानी सरपंच मोइज़ुद्दीन ,, फिर खुद लाडपुरा प्रधान , नईमुद्दीन गुड्डू को , मनमाने तरीक़े से हटाया , खेर यह लोग अपनी निजी लड़ाई तो लड़ रहे हैं , दो की लड़ाई तो सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाने से जैसी भी है ,चल रही है ,लेकिन नईमुद्दीन गुड्डू तो क़ानूनी रूप से मज़बूत है , उनका तो फिर से बहाल होना ,उनके विरुद्ध बर्खास्तगी आदेश का ख़ारिज होना लगभग विधिक रूप से तय सा लग रहा है , अफ़सोस इस बात का है , प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द डोटासरा इस मामले में खामोश , प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जुली इस मामले में लापरवाह , और जो मुख्यमंत्री के दावेदार रहे , पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलेट उनकी जुबान भी , ना जाने किस खौफ से हलक़ में अटकी हुई है ,भाजपा भाजपा है इसलिए ज़िंदाबाद है , कांग्रेस , ,कांग्रेस नहीं हो पा रही हैं , इसलिए मुर्दाबाद होती जा रही ,हैं अभी हाल ही में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने पूर्व चुनावों में कुछ दिग्गज नेताओं के निर्देश पर , कांग्रेस प्रत्याक्षी के विरुद्ध काम कर भाजपा प्रत्याक्षी के हक़ में काम करने से इंकार कर दिया , तो फूल छाप लोग , उनकी टीम उनकी दुश्मन बन गई , खेर कांग्रेस संगठन के जिला अध्यक्ष ,, प्रदेश अध्यक्ष कुछ नहीं कर पा रहे ,हैं तो राष्ट्रिय प्रभारी तो कुछ कहने की स्थिति में होते है , वोह भी खामोश , हाल ही में कोटा में पूनम पासवान कोटा ज़िले की राष्ट्रिय प्रभारी कोटा में आईं , उनके साथ जिला प्रदेश प्रभारी , इन्द्रराज गुर्जर साहब भी थे , लेकिन बंद कमरे में मीटिंग , थोड़ा बहुत हो हल्ला और बिना कुछ पुख्ता बात किये रवानगी , अगर संगठन के प्रति ज़िम्मेदार शख्स इन पदों पर होते , तो प्रदेश के कोटा जिला प्रभारी से राष्ट्रिय प्रभारी पहले , कोटा के कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा की ज़ुल्म ज़्यादती , झूंठे मुक़दमों की रिपोर्ट लेते , ट्रांसफर और पदों से बर्खास्तगी की रिपोर्ट लेते , और फिर खुद भी , उस रिपोर्ट को , अपने कुछ लोगों के साथ मिलकर या अपने तरीके से क्रॉस टेली करते ,, कोटा में प्रदेश महासचिव अमीन पठान के विरुद्ध योजनाबद्ध झूंठे मुक़दमों की श्रंखला है , उनका निर्माण तोड़ने प्रताड़ित करने का सच जग ज़ाहिर है , एक तरफा ट्रांसफर हुए , नगर पालिका चेयरमेन , पार्षद , पंच , सरपंच , प्रधान का निलंबन सामने है , लेकिन इन मामलों पर , कोई बात नहीं हुई , अगर कोई समझदार होता , संगठन के प्रति समर्पित प्रभारी होता तो वोह कोटा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्योरेवार , कार्यर्कताओं के साथ प्रताड़ना का सच बयान करता , आंदोलन की रुपरेखा बनाता , कोटा शहर और कोटा देहात अध्यक्षों को चेतावनी देता के एक सप्ताह में अगर मिलकर बढ़ा आंदोलन नहीं करा ,और नियमित ऐसे ज़ुल्म ज़्यादती मामलों में आवाज़ नहीं उठाई , तो तुम्हे पद से बर्खास्त कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ, अरे यह तो छोडो जनाब , कांग्रेस के मुख्यमंत्री कार्यकाल में जब एक रिश्तेदार , ,एक निजी स्टाफ कर्मी , और कई लोग , भाजपा के एक नेता जी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर कार्यवाही करवाने की गुहार को लेकर, जयपुर मुख्यमंत्री और उनके चहेतों के पास पहुंचे , दस्तावेज दिखाए , सारे सुबूत दिखाए , पुख्ता सुबूत दिखाए , गवाही भी यह लोग देने को तय्यार थे , लेकिन हमारे मुख्यमत्री जी तो गांधी के चेहरे में छुपे फूल छाप निकले , उन्होंने शिकायतकर्ताओं की शिकायत ठंडे बस्ते में बंद कर दी , और इन नेता जी की क़दम बोसी में लग गए , नतीजा आज सभी को भुगतना पढ़ रहा है , कहते हैं , इन जनाब ने तो आस्तीन में भाजपा के साँपों को पाला है , और वोह सच भी साबित हुआ है , , खेर अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है , कांग्रेस को , फूलछाप भीतरघातियों से मुक्त करवाओ , ओरिजनल कोंग्रेसियों को , कांग्रेस के संविधान , विधान के लिखित प्रावधानों के तहत पद दो , एक व्यक्ति एक पद , का सिद्धांत लागू रखो , , जिला कांग्रेस , ब्लॉक कांग्रेस , प्रदेश कांग्रेस , राष्ट्रिय कांग्रेस कार्यालयों को , नियमित दस बजे सुबह से शाम पांच बजे ,तक , अध्यक्ष की उपस्थिति में आबाद रखो , ,लेकिन एक व्यक्ति एक पद तो छोडो , बस दस , बीस , तीस लोग हैं , जो दिल्ली से जयपुर तक के मालिक है , विधायक भी वही ,, सांसद भी वही , मंत्री भी वही , संगठन के पदाधिकारी भी वही , चुनाव हार जायें ,तो खुद , उनके बेटे , बेटी , साला , साली ,भाई ,रिश्तेदार ही पदों की दौड़ में रहते हैं , जो कार्यकर्ता है , जो ओरिजनल है , वोह तो बेक बेंच पर बैठता है ,और जो , चुगलखोर , चापलूस फूलछाप है , वोह आगे कुर्सी पर बैठता है , तो फिर कांग्रेस का सत्यानास स्वेछिक ही कहा जाएगा , और वर्तमान सिस्टम पूरी तरह से फेल्योर है , कांग्रेस की इस बर्बादी के लिए ज़िम्मेदार है कोंग्रेस फार्मूले बचपन में पढ़ाई गई कहानी दी ग्रेडी डॉग की तरह आधी मुंह में होने पर पानीमें खुद का ही अक्स देखकर उसे दूसरी आधी रोटी समझकर भोंकना ओर उस आधी रोटी यानी कोंग्रेस में परम्परागत वोटर्स को भी बिखेर देने वाली है, कहावत है पेट के बच्चे के चक्कर में गोद के बच्चे को फेंक देना , यानी जो वोटर्स हैं, उन्हें कहकर कहां जाएंगे बिखेर देना और जो वोट कभी इनके हो ही नही सकते उन्हें सर पर बिठाने की फ़ितरत , कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, पांच सितारा संस्क्रति, संवाद की कमी , कार्यकर्ताओं के दुख सुख में मदद से दूरी, कोंग्रेस संविधान के विपरीत संगठन संचालन ही कोंग्रेस की बर्बादी का मुख्य सबब है, ई वी एम मशीन हरगिज़ नहीं,, , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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