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03 मार्च 2025

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के क्रम में, देहदान संकल्पित महिला सम्मान समारोह आयोजित

 

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के क्रम में, देहदान संकल्पित महिला सम्मान समारोह आयोजित
2. 90 देहदान संकल्पित महिलाओं का सम्मान, 23 अन्य महिलाओं ने भी मौके पर लिया देहदान संकल्प
3. प्रदेश का पहला ऐसा अनूठा कार्यक्रम, जहां 90 से अधिक देहदान संकल्पित महिलाओं का सम्मान हुआ

रविवार को वल्लभबाड़ी स्थित प्रजापति ब्रह्माकुमारी सत्संग भवन में शाइन इंडिया फाउंडेशन की ज्योति मित्र हेमलता गांधी की प्रेरणा पर, शुभ संकल्प सेवा समिति से आई एल सैनी, वरिष्ठ समाज सेवी जी डी पटेल, शरीरदानी नेत्रदानी संस्थान से अरुण भार्गव,शाइन इंडिया फाउंडेशन से डॉ संगीता गौड़ ,भगवा भंडार से योगेश विजयवर्गीय और समाजसेवी उत्तम चन्द जैन के संयुक्त प्रयासों से शहर की 90 से अधिक देहदान संकल्पित महिलाओं का सम्मान हुआ । इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रजिस्ट्रार कोटा यूनिवर्सिटी भावना शर्मा थी ।

देहदान संकल्पित महिलाओं के सम्मान के पीछे मूल उद्देश्य यह था कि, संकल्पित महिलाओं के माध्यम से उनसे जुड़े दो परिवार के सदस्यों तक यह पुण्य कार्य का संदेश पहुंचे, साथ ही यदि देहदान के प्रति कोई शंका है, तो उसका मौके पर निवारण किया जा सके ।

कार्यक्रम संयोजक डॉ कुलवंत गौड़ ने बताया कि, हाडोती संभाग में 285 लोगों ने संस्था के साथ में देहदान का संकल्प पत्र भरा हुआ है,उनमें से कोटा शहर की 90 देहदान संकल्पित महिलाओं का सम्मान किया गया है । साथ ही प्रजापति ब्रह्मा कुमारीज की आठ दीदियों सहित 20 अन्य लोगों ने भी कार्यक्रम से प्रेरित होकर देहदान के संकल्प पत्र भरे हैं ।

वल्लभबाड़ी केंद्र की ज्योति दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए देहदान के विषय पर कहा कि,"देहदान एक पवित्र कार्य है, जो हमें अपने शरीर को ईश्वर के लिए समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है। यह हमें अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करता है और हमें अपने समाज के लिए एक उपहार बनाता है।"

कार्यक्रम में देहदान के विषय पर उपस्थित महिलाओं ने भी सहर्ष अपने विचार प्रस्तुत किए, ग्वालियर से इसी कार्यक्रम के लिए आयी 88 वर्षीय कुमुदिनी गोहदकर और उनकी बेटी डॉ राजश्री गोहदकर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि,यदि शरीर रचना विभाग को मृत देह न मिले तो,चिकित्सा विभाग ,चिकित्सक और लाइलाज बीमारीयों से मुक्ति मिलना एक परिकल्पना है । बिना मृत देह पर अध्ययन के भावी चिकित्सकों का बनना असंभव है ।

कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथि जीडी पटेल और आई एल सैनी ने कहा कि, देहदान जन जागरूकता के प्रयास से अब शहर में देहदान करने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ने लगी है, संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के कार्यों की सराहना करते हुए, अरुण भार्गव ने कहा कि संस्था के सदस्यों ने न सिर्फ शहरों में बल्कि गांव-गांव में भी नेत्रदान अंगदान और देहदान की जागरूकता फैलाई है । ज्ञात हो कि 1 वर्ष पूर्व अरुण भार्गव ने अपनी पत्नी स्व० अमिता भार्गव के निधन के उपरांत उनका देहदान और नेत्रदान संपन्न कराया था ।

कार्यक्रम के अंत में, हेमलता गांधी ने कार्यक्रम में पधारे हुए सभी अतिथियों,शहरवासियों एवं देहदान संकल्पित महिलाओं का आभार व्यक्त किया । देहदान संकल्प करने वालों को प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी साफा और माला भेंट कर सम्मान दिया गया ।

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