ब्रेनडेड शांति बाई का नहीं हो सका अंगदान,पर संभव हुआ नेत्रदान
बुधवार
दोपहर को, झालावाड़ जिले के ग्राम रोशनबाड़ी निवासी स्व० बद्री लाल की
धर्मपत्नी शांति बाई रोड दुर्घटना में सिर पर चोट लगने से एसआरजी मेडिकल
कॉलेज झालावाड़ में आईसीयू में भर्ती हुई थी । न्यूरोसर्जन डॉ राम सेवक
योगी और उनकी टीम ने शांति बाई के बेटे राजेंद्र,बसंती लाल को माता जी के
अंगदान के बारे में समझाया।
बेटा राजेंद्र पहले से ही जिले में
अंधता निवारण के लिए शाइन इंडिया फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे नेत्रदान के
कार्य से प्रभावित था । इसलिए जैसे ही अंगदान के बारे में चिकित्सकों ने
समझाया, दोनों भाइयों सहित उपस्थित सभी रिश्तेदारों ने सहमति देऔर ब दी ।
डॉ
रामसेवक के दिशा निर्देशों पर ,मेडिकल कॉलेज की टीम ने दो दिन तक लगातार
शांति के सभी अंगों के मापदंड नॉर्मल आने तक आईसीयू में रखा । पर अंतत:
उनकी रिपोर्ट नॉर्मल नहीं आई और चिकित्सकीय कारणों से उनका अंगदान संभव
नहीं हो सका ।
परिजनों की इच्छा थी कि उनकी माँ का जीवन अन्य लोगों
के लिए भी प्रेरणादायक रहे, इसलिए उन्होंने माँ के नेत्रदान की इच्छा
जतायी, डॉ रामसेवक ने उसी समय कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत
गौड़ को संपर्क किया ।
सूचना मिलते कोटा से डॉ गौड़,नेत्र संकलन
वाहिनी ज्योति-रथ को स्वयं चला कर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, परिजनों की इच्छा
अनुसार डॉ गौड़ ने शांति देवी का नेत्र संकलन किया । प्रक्रिया के उपरांत
डॉ रामसेवक ने नेत्रदानी शांति बाई के बेटे राजेंद्र, बसंतीलाल को संस्था
की ओर से प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया ।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
22 फ़रवरी 2025
ब्रेनडेड शांति बाई का नहीं हो सका अंगदान,पर संभव हुआ नेत्रदान
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)