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25 फ़रवरी 2025

नफरत के खिलाफ मोहब्बत के जंगजू सिपाही , एडवोकेट अरविन्द भारद्वाज का आज आकस्मिक निधन हो गया ,

 

नफरत के खिलाफ मोहब्बत के जंगजू सिपाही , एडवोकेट अरविन्द भारद्वाज का आज आकस्मिक निधन हो गया , उनका अंतिम संस्कार कल जयपुर में होगा,बकोटा मूल के निवासी प्रेक्सिशेंर एडवोकेट अरविन्द भारद्वाज पिछले कई सालों से जयपुर हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करने के कारण जयपुर शिफ्ट हो गए थे , वोह कोटा में शनिवार को न्यायालयों में उपस्थित होते रहे हैं , उनके आकस्मिक निधन से कोटा के समाजवादी , इन्साफपरस्त , साम्प्रदायिक सद्भाव , राष्ट्रिय एकता , क़ौमी एकता के लिए काम करने वाले सभी वर्ग में शोक की लहर दौड़ गई है ,, कोटा ही नहीं राजस्थान में एक जाना पहचाना नाम अरविन्द भारद्वाज ,, जो हमेशा मूल्यों , सिद्धांतों के लिए संघर्ष करते रहे ,, नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग में अपना सब कुछ गंवा देने वाले भाई अरविन्द भारद्वाज खुद एक स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय लीलाधर जी भारद्वाज के सुपुत्र थे , उन्होंने , शैक्षणिक कार्यकाल से ही , समाजसेवा क्षेत्र से जुड़कर , गरीब , दलित , अल्पसंख्यक ,. ज़रूरतमंदो ,, पीड़ितों को न्याय दिलाने का संकल्प लिया ,खुद ने वकालत पास कर , कोटा में ही वकालत शुरू की , समाजवादी विचारक होने से वोह सभी वर्ग के लोगों में अमीरी गरीबी , छोटे बढे का भेदभाव भुलाकर बढे प्यार से मुलाक़ात करते थे , कोटा से राज्य सभा सदस्य रहे , मौलाना असरारुल हक़ के वोह निकटतम थे , उनकी क़ौमी एकता की तंज़ीम से वोह लगातार जुड़े रहे , जब जब भी कोटा में ज़ुल्म , ज़्यादतियां बढ़ी , वोह सबसे पहले , सबसे आगे इन्साफ का झंडा लेकर , खुलकर मैदान में जंगजू सिपाही बनकर सामने क्खदे नज़र आये , हज़ारों हज़ार प्रताड़ित लोगों को उन्होंने इंसाफ दिलाया , कई बेगुनाहों को , जेल से छुड़वाया ,, दंगे , फसादात के माहोल में अरविन्द भारद्वाज ने , नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग की शुरुआत की , क़ौमी एकता संगठन के नाम से गाँधीवादी विचारक व्यवस्था के तहत , वोह हमेशा इंसान से इंसानियत को जोड़ने , भाई से भाई को जोड़ने के प्रयासों में लगे रहे , क़ौमी एकता की हज़ारों बैठकों में उन्होंने मोहब्बत का संदेश दिया , नफरत के माहौल को , प्यार में बदलने की उनकी कला ही थी के उन्हें हर जगह जब जब भी , नफरत का माहौल होता था , मोहब्बत का माहौल बनाने के लिए खुद जिला प्रशासन द्वारा भी बुलाया जाता था ,वोह कामयाब भी होते थे , अरविन्द भारद्वाज , स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र होने के नाते , स्वभाव से भी , आज़ाद भारत के गुलाम माहौल में ,,आज़ादी के सिपाही की तरह ही , ज़ुल्म के खिलाफ , ज़ालिमों के खिलाफ जंग लड़ते रहे , कोटा में जब दंगे फसाद का माहौल हुआ ,पुलिस का एक तरफा ज़ुल्म ज़्यादतियों का माहौल बना, कोटा में एक तरफा टाडा के मुक़दमों की भरमार हो गई , घर घर से लोगों को उठाकर ,जेलों में ठूसा जाने लगा , जब अरविन्द भारद्वाज ने , कॉमरेड अब्दुल हमीद मुन्ना भाई , कॉमरेड अब्दुल वहीद , ब्रह्ममानन्द शर्मा सहित कई साथियों के साथ , आंदोलन छेड़ा और कोटा के इतिहास में कलेक्ट्रेट के बाहर महिलाओं का वोह सबसे लम्बे समय तक चलने वाला धरना रहा , प्रशासन ने उन्हें धमकाया , मुक़दमों में फंसाने की धमकियां दिन , लेकिन वोह तो सिपाही थे , इंसाफ के लिए लड़ते थे , डरने , रुकने का वोह कभी सोच भी नहीं सकते थे , सरकार में भी उनकी ओहदों पर बैठे लोगों से खुसूसी पहचान थी , कई बार उन्हें सरकार की व्यवस्था में शामिल करने के निमंत्रण मिले लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया , वोह कहते थे के गले में पट्टा बंधा और इंसाफ के खिलाफ उठने वाली आवाज़ हलक़ में ही घुट जायेगी , ,बहतरीन तार्किक क्षमता वाले वकील के रूप में उनकी पहचान थी , क़ानून के बहतरीन जानकार थे , वोह हाल ही में , अशोक गहलोत के साथ जुड़कर गांधी विचारक के रूप में काम कर रहे थे , स्वराज के नाम पर वोह फिर से लोगों को प्रेरित कर रहे थे , भ्रष्टाचार , नफरत , मिलावट ,, अव्यवस्थाओं के खिलाफ वोह अपनी टीम के साथ पुरे राजस्थान में जिला स्तरीय कार्यकम कर मोहब्बत और इंसाफ़ का पैगाम देने में जुटे थे , पिछले दिनों जब कोटा में , राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पदयात्रा पर थे , तब उनके साथ भारत जोड़ो अभियान के वोह भी क़दमताल मिलते हुए प्रेरक बने , छोटे वकील साथियों के लिए वोह प्रेरणा थे ,तो बढे वकील साथियों के लिए वोह लाडले थे, उनके दुलारे थे ,कोटा रामपुरा पोस्ट ऑफिस के सामने उनका पुराना ऑफिस आज भी है , जबकि जयपुर में वोह उनके पुत्र के साथ वकालत से जुड़े हुए थे , लेकिन काल के क्रूर हाथों ने , उन्हें हमसे छीन लिया ,, नफरत के खिलाफ आज जब मोहब्बत के पैगाम की ,मोहब्बत की जंग की इस देश को ज़रूरत थी , तब यह जंगजू सिपाही हमसे चीन लिया गया ,, ,खुदा से दुआ है , के उन्हें स्वर्ग में बहतरीन स्थान मिले , उनके परिजनों को सब्र मिले , उनके जूनियर , सहयोगी साथियों को हिम्मत मिले , और अरविन्द भारद्वाज का संदेश , मोहब्बत , क़ौमी एकता , भ्रष्टाचार मुक्त, अहिंसा का अलमबरदार भारत बनाने का सपना साकार कर , इस भारत को विश्व के नक़्शे में अव्वल बनाना है , इस सपने को वोह साकार करने के प्रयासों में जुटें ,, कोटा में उनके निधन से वकालत क्षेत्र में , समाजसेवा क्षेत्र में , स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है , सर्वोदय आन्दोलन ,, नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग के अभियान को धक्का लगा है , जयपुर में भी उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है , ईश्वर ,, अल्लाह उनकी रूह , आत्मा को शांति दे , ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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