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04 जनवरी 2025

नमाज़े अस्र की क़सम

 

103 सूरए अल अस्र
सूरए अल अस्र मक्की है या मदनी है और इसमें तीन (3) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
नमाज़े अस्र की क़सम (1)
बेशक इन्सान घाटे में है (2)
मगर जो लोग ईमान लाए, और अच्छे काम करते रहे और आपस में हक़ का हुक्म और सब्र की वसीयत करते रहे (3)

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