सूरए अत तकासुर मक्का में नाजि़ल हुआ और इसमें आठ (8) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
कुल व माल की बहुतायत ने तुम लोगों को ग़ाफि़ल रखा (1)
यहाँ तक कि तुम लोगों ने कब्रें देखी (मर गए) (2)
देखो तुमको अनक़रीब ही मालुम हो जाएगा (3)
फिर देखो तुम्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा (4)
देखो अगर तुमको यक़ीनी तौर पर मालूम होता (तो हरगिज़ ग़ाफिल न होते) (5)
तुम लोग ज़रूर दोज़ख़ को देखोगे (6)
फिर तुम लोग यक़ीनी देखना देखोगे (7)
फिर तुमसे नेअमतों के बारें ज़रूर बाज़ पुर्स की जाएगी (8)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
03 जनवरी 2025
यहाँ तक कि तुम लोगों ने कब्रें देखी (मर गए)
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