सूरए अल लहब मक्की है और इसकी पाँच (5) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
अबु लहब के हाथ टूट जाएँ और वह ख़ुद सत्यानास हो जाए (1)
(आखि़र) न उसका माल ही उसके हाथ आया और (न) उसने कमाया (2)
वह बहुत भड़कती हुयी आग में दाखि़ल होगा (3)
और उसकी जोरू भी जो सर पर ईंधन उठाए फिरती है (4)
और उसके गले में बटी हुयी रस्सी बँधी है (5)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 जनवरी 2025
अबु लहब के हाथ टूट जाएँ और वह ख़ुद सत्यानास हो जाए
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