पर्यावरण सरंक्षक, वन्य जीव रक्षक, आपदा में राहत देने वाले, बनवारी यदुवंशी, कोटा चम्बल सफारी के जनक रहे हैं,
अख्तर खान अकेला,
कोटा 13 जनवरी, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, हाडौती के गौरव, जंगल और चम्बल के रोमांचक घटनाओं के साक्षी, वन्य जीव, पर्यावरण संरक्षक, बेस्ट फोटोग्राफर, पत्रकार, कोटा में क्रूज, मोटर बोट के जरिये पर्यटकों के मुख्य आकर्षण के जनक रहे, भाई बनवारी यदुवंशी किसी पहचान के मोहताज नहीं, वोह खामोशी से अपने उक्त कार्यों के प्रति समर्पित रहकर कर्तव्यबद्धता से सभी कार्यों को नियमित कर रहे हैं,
कोटा चम्बल सफारी ,,जंगल सफारी के जनक , भाई बनवारी यदुवंशी के प्रयास रहे हैं , के कोटा में आने वाले सभी पर्यटक , चम्बल भ्रमण के ज़रिये , चंबल नदी के किनारों के आस पास वन्य जीवों ,, घड़ियाल , मगरमच्छ , ऊद बिलाओँ और अन्य वन्य जीवों की अटखेलियों के आनंद ले सकें , ,भाई बनवारी युदवंशी यूँ तो पेशे से पत्रकार रहे हैं , फिर वन्य जीव आकर्षण ने उन्हें जंगलों में रोमांचक कार्य करने , पहाड़ों की चढ़ाई, फतह करने की प्रेरणा दी, वोह बाल्य काल से ही , रोमांचक मामलों की क्वीन कही जाने वाली खतरों की खिलाड़ी स्वर्गीय ज्योति पाठक के सम्पर्क में रहे , फिर तो एक एक मिलकर ग्यारह हो गए और जंगलों के हर जीव के बारे में जानकारी , उनकी खोज खबर के रिसर्च स्कॉलर बन गए ,, कोटा के तालाब ,, चबंल नदी , पर्यटकों के आकर्षण से कोसों दूर थे , उस वक़्त ,कई साल पहले बनवारी यदुवंशी ,, स्वर्गीय ज्योति पाठक का सपना था , के कोटा में चंबल सफारी हो ,, मोटर बोटिंग हों ,, केशोराय पाटन तक जाने के लिए चंबल के ज़रिये मोटर बोट का सफर हो , बस फिर बनवारी युदवंशी मोटर बोट , छोटे क्रूज ,, ,छोटे जहाज़ों के बारे में रिसर्च करने लगे और मिलजुलकर , क़ानूनी बाध्यताओं की सकारात्मक स्वीकृतियां प्राप्त कर ,, कोटा किशोरसागर को मोटर बोटों की अटखेलियों के कार्यक्रमों से रंग बिरंगा कर दिया ,,, कोटा किशोर सागर आज पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है , यहां सेवन वंडर से पर्यटकों के लिए मोटर वोटिंग की सेवायें न्यूनतम टिकिट पर चलाई जा रही हैं , जिसमे मोटर पर्यटकों को किशोर सागर का भ्रमण ,, किशोरसागर में बने ऐतिहासिक जगमंदिर की खूबसूरती के नज़ारे ,, बीच में ,,कुछ दीवारों पर मगरमच्छ , घड़ियालों के झुण्ड के नज़ारों का खुला आनंद इनके ज़रिये पर्यटकों को मिल रहा हैं , ,,इतना ही नहीं , छोटे क्रूज मोटर बोट जिसमे लोग अगर चाहें तो अपने पारिवारिक कार्यक्रम , बर्थडे ,, वगेरा भी एन्जॉय कर सकें इसकी व्यवस्थाएं भी न्यूनतम किराये पर की हुई है , ,एक मोटर बोट जिसकी क़ीमत लाखों रूपये की है , उसमे पूरी केंटीन, रेस्टोरेंट स्थापित है , जिसमे मनचाहा फास्ट फ़ूड ,,, रिफ्रेशमेंट , कोल्ड ड्रिंक , कोफ़ी चाय वगेरा तात्कालिक रूप से उपलब्ध है , गर्मीं के वक़्त उक्त मोटर बोट फुल एयरकंडीशन रहती है , जिसे कई लोग अपने निजी कार्यक्रमों के लिए ,, किराये पर लेकर उसमे एन्गेजमेन्ट , बर्थडे कायर्कम या ,बैठकें वगेरा आयोजित कर सकते हैं , ऐसे वक़्त में बनवारी यदुवंशी की टीम , इनके लिए मनपसंमद लज़ीज़ व्यंजनों के प्रबंधन के लिए भी तत्पर रहते हैं , ,,,कोटा में चंबल में किशोर सागर में क्रूज चलाया जाएगा , राजनितिक वायदा होगा , लेकिन चंबल में मोटर बोट सफारी ,, किशोरसागर में छोटे क्रूज मनोरंजन के सपने को , भाई बनवारी यदुवंशी और इनकी टीम ने कोटा वासियों ,, कोटा में आने वाले पर्यटकों के लिए पूरा किया है , , बनवारी यदुवंशी एक जाना पहचाना नाम हैं , वोह किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं , कहते हैं ना अनुभवों से ,, किसी भी विषय में पी एच डी हो सकती है , ,इसी तरह से ,, पहाड़ों और जंगलों में रोमांच दिखाने वाले ,,खतरों के खिलाड़ी , भाई बनवारी यदुवंशी ने जंगलों की ख़ाक छानी है , बढ़े बढ़े ऊंचे शिखर पहाड़ों को फतह किया है, खासकर बनवारी कोटा के मुकंदरा एरिये सहित सभी जंगलों से सीधे रूबरू हुए हैं , वहां विचरण करते वन्य जीव, चाहे शेर हो , बाघ हो , पेंथर हो ,,रींछ , हों , भेड़िये हों ,, काले हरण हों , बारह सिंघे हों ,,साम्भर ,, चीतल हों , ,तीतर , बटेर , गोडावण ,, किसी भी तरह के पशु पक्षी हों , सभी से यह रूबरू हैं , कोटा ही नहीं हाडौती में, वन्यजीव , पशु पक्षी फ्रेंडली का दूसरा नाम बनवारी यदुवंशी हैं , यही वजह है , के बनवारी यदुवंशी ,, जंगल भ्रमण के दौरान , वन्य जीवों के संरक्षण को कैसे बहतर बनाया जाए , इन वन्य जीवों की दुःख तकलीफ क्या हैं , इन तकलीफों, अव्यवस्थाओं, कमियों को, सरकारी सिस्टम के ज़रिये दूर करवाकर इनके जीवन को सुरक्षित कैसे किया जाए , इसके लिए बनवारी अपनी टीम , रिसर्चर टीम के साथ लगातार काम कर रहे हैं , सुझाव देते रहे हैं , ,,इनके टेलिस्कोपिक क़ीमती कैमरे की निगाह से, कोसों दूर बैठे वन्य जीव भी , उसमे क़ैद होते हैं , उनकी गतिविधियां क़ैद होती हैं , और वोह , किसी भी तरह के बदलाव , वन्य जीवों के खतरों , ,उनके बहतर रख रखाव के लियें जो भी ज़रूरी होता है , वन अधिकारीयों की जानकारी मे लाकर , उसे बहतर से बहतर बनाने का प्रयास करते रहे हैं , वन्य जीव प्रेमी होने के नाते, वोह चाहते हैं , के वन्य सुरक्षित रहे , कोटा का मुकंदरा हिल्स ,,, देश भर के बहतरीन पर्यटन आकर्षणों में से प्रमुख, वन अभ्यारण्य केंद्र हों , जिससे कोटा में पर्यटकों में वृद्धि भी हो , कोटा वन विभाग की आमदनी के साथ, रोज़गार के अवसर भी बढे , इसके लिए वोह लोगों से भी आह्वान करते है , के वन क्षेत्र से अतिक्रमण हटाएँ , अनावश्यक वन क्षेत्र में छेड़छाड़ ना करें ,, अवैध खनन रुकवाए , वोह कहते हैं , प्राकृतिक संतुलन अगर हम छिन भिन्न कर देंगे , तो आने वाले कल में , हमारे लिए , आम जनजीवन के लिए भी अव्यस्थाएं फैलेंगी , खतरें बढ़ेंगे , इसलिए पर्यावरण संरक्षण , वन्य जीवों का संरक्षण , प्राकृतिक संतुलन के सभी ,प्रयास सामूहिक रूप से हमे करते रहना चाहियें ,, ब,बनवारी यदुवंशी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं वोह एक वन्य जीव प्रेमी , वन्य जीवन सरक्षण के हस्ताक्षरित आन्दोलन तो है ही ,, साथ ही वन्य जीवन संरक्षण , वन्य जीवों पर विशेष अध्ययन के लिए देश विदेश से आये शोधार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक सामग्रियां उपलब्ध करवाने वाले एन्साइक्लोपेडिया भी हैं ,,वोह जंगल हो , पहाड़ हो , नदी हो , हर जगह रोमांचक कार्यों से जुड़े हैं , उन्होंने कई किलोमीटर का सफर पहाड़ों का किया है , एवरेस्ट शिखर को फतह किया है , ,जबकि रेसलिंग के ज़रिये कई प्राकृतिक आपदा में फंसे लोगों के जीवन को संरक्षित किया है , उन्हें बचाया है , ,उत्तराखंड त्रासदी के के वक़्त बनवारी यदुवंशी अपनी टीम के साथ ,,रवाना हुए वहां उन्होंने कई लोगों के जीवन को बचाया भी और राहत कार्यों में हिस्सेदारी बनकर लोगों के सुख दुःख के साथी भी बने ,, यही वजह है , प्राकृतिक आपदा विभाग के साथ जुड़कर वोह आकस्मिक आपदा के वक़्त वन्य जीव ओर आम आदमियों के जीवन को बचाने के लिये समर्पित होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, नियमित अपने वन्य जीव, पशु पक्षी, वन अभ्यारण, चम्बल सफारी कार्यों में लगे , भाई बनवारी का परिवार भी उनसे प्रेरित होकर इस क्षेत्र में समर्पित होकर कार्य कर रहा है, जंगल की एक एक फूल , पत्ती, पेड़, पौधे, वन्य जीव , पक्षी, चट्टानें, खाइयाँ, चट्टानों के बीच की तराईयां, चंबल नदी की लहरें, घड़ियाल, ऊद बिलाव वगेरा सभी , भाई बनवारी के चम्बल, वन्य जीव समर्पण के साक्षी बने हैं, अख़्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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