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30 जनवरी 2025

सियासत में इनाम या फिर सज़ा ,, एक घृणास्पद खेल हो गया है , लोकतंत्र को कलंकित कर देने वाले इस खेल में ,, साथ हो तो पुरस्कार पाओ , साथ छोड़कर जाओ ,तो सज़ा पाने के लिए तय्यार रहो,, वाला खेल खूब शुरू हुआ है , ,देश ने देखा है

 

सियासत में इनाम या फिर सज़ा ,, एक घृणास्पद खेल हो गया है , लोकतंत्र को कलंकित कर देने वाले इस खेल में ,, साथ हो तो पुरस्कार पाओ , साथ छोड़कर जाओ ,तो सज़ा पाने के लिए तय्यार रहो,, वाला खेल खूब शुरू हुआ है , ,देश ने देखा है , महाराष्ट्र में अजीत पंवार पर , भ्रष्टाचार के दर्जनों मुक़दमे , उन्हें सज़ा दिलवाने का भाजपा नेताओं का संकल्प , लेकिन पिछले चुनावों में जब भाजपा अल्पमत में रही , तो रातो रात वही अजीत पंवार जिन्हे भाजपा जेल भेजने का वायदा आम जनता से कर चुकी थी , वोह उनके साथ जाते हैं , उप मुख्यमंत्री का पद लेते हैं , रातों रात , उनके मुक़दमे खत्म और वोह बेदाग हो जाते हैं , गंभीर मामलों में सज़ा याफ्ता मुल्ज़िम राम रहीम , का हर चुनावों के पहले , पेरोल ,, सभी जानते हैं , और भी कई क़िस्से हैं , लेकिन राजस्थान में खासकर कोटा में अमीन पठान और प्रहलाद गुंजल के भाजपा से दल बदल कर कांग्रेस में आने के बाद , सत्ता पक्ष का सिस्टम जो बदला है , वोह राजस्थान देख रहा है , प्रहलाद गुंजल तो ताक़तवर है , ताक़तवर तो अमीन पठान भी हैं , लेकिन प्रह्लाद गुंजल के साथ समाज है , दूसरा सपोर्ट है , इस कारण उन्हें तो भभकी देते ही जैसे ही , प्रह्लाद गुंजल की गुर्राहट शुरू हुई , बदले की भावना की कार्यवाही उलटे पैर पलट गई , लेकिन अमीन पठान के साथ ऐसा नहीं हुआ ,, एक , दो ,तीन ,, चार , रुकने का नाम ही नहीं , यह वही अमीन पठान हैं , जो भाजपा के शासन में , अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष , राष्ट्रिय उपाध्यक्ष , राजस्थान सरकार में मंत्री दर्जा हज कमेटी के चेयरमेन , ख्वाजा गरीब नवाज़ अजमेर कमेटी के चेयरमेन , आर सी ऐ के उपाध्यक्ष और ना जाने क्या क्या , ,,यह वही अमीन पठान हैं , जो भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के खास हुआ करते थे , केंद्रीय मंत्री , नितिन गडकरी , राजनाथ सिंह सहित कई लोगों के नज़दीकी कहे जाते थे ,, राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के इंद्रेश कुमार , ,वासुदेव देवनानी सभी के नज़दीक रहे हैं, ,, एक वक़्त था , जब कोटा अननतपुरा में बड़ला बस्ती हटाने के लिए नगर निगम ,, नगर विकास न्यास , पुलिस का संयुक्त अभियान चला , तो अमीन पठान , लोगों के मकान बचाने पहुंचे ,गर्मा, गर्म बहस हुई , ,और फिर पुलिस लाठीवार हुआ , ,शिकायत जयपुर मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के पास पहुंची , एक घंटे में , ,कोटा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक , नगर निगम प्रशासक को ऐ पी ओ कर दंडित किया गया ,, ललित मोदी को क्रिकेट में , मज़बूत स्थिति दिलवाई , फिर भाजपा में रहते हुए , कांग्रेस शासन में , ललित मोदी के अलग थलग हो जाने के बाद , सांसद का चुनाव हार चुके , आम जनता से कोसों दूर रहने वाले , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को राजस्थान क्रिकेट एकेडमी ,, के चेयरमेन के लिए उनकी मदद की , रणनीति के तहत उन्हें आर सी ऐ का चेयरमेन बनवाया , वैभव गहलोत ने खुद को , ,अमीन पठान का दोस्त साबित करने की कोशिश भी की , उनके कार्यक्रमों में वोह एक मुख्यमंत्री के पुत्र की हैसियत से आये भी , ,कई मुलाक़ातें हुईं ,,,, फिर अचानक परिवर्तन का दौर चला , हलात बदले , प्रह्लाद गुंजल और अमीन पठान , भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए ,, ,राजनीती में अदला बदली का खेल कोई नया है भी नहीं , ,प्रह्लाद गुंजल तो दम खम से चुनाव भी लड़े , भीतरघात दुनिया ने देखी और इसी भीतरघात के कारण वोह जीती हुई बाज़ी हार गए ,,सिख बोर्ड के उपाध्यक्ष यूथ कोंग्रेस के हरपाल राणा का कुन्हाड़ी प्लाट खुर्द बुर्द होते सभी ने देखा है, इधर अमीन पठान , कांग्रेस में प्रदेश महासचिव बने ,, लेकिन भाजपा के शासन के बाद , अमीन पठान के खिलाफ जो कुछ भी शुरू हुआ , वोह कोटा ही नहीं ,राजस्थान देख रहा हैं , उन्हें ,, पहले एक फारेस्ट ऑफिसर की तरफ से मुक़दमा दर्ज होने पर गिरफ्तार किया गया , फिर जेल भेजा गया , ज़मानत ख़ारिज हुई ,हाईकोर्ट से ज़मानत हुई , फिर फ़ार्म हाउस तोडा गया , फिर मुक़दमा , फिर मुक़दमा , फिर मुक़दमा , फिर तोड़फोड़ , अभी तक सब कुछ चल रहा है , ,चोर सिपाही का खेल चल रहा है , हाईकोर्ट में कई मामले विचाराधीन हैं , ,लेकिन राजनीती में सिर्फ दल बदल लेने के साथ ही इतनी परेशानियां , इतनी दुश्मनिया , इसका भी इतिहास बन गया है , यह जो फ़ार्म हाउस फारेस्ट की ज़मीन पर बताकर तोडा गया है , यही फ़ार्म हाउस , कई सालों से था , भाजपा की सरकार में भी था , कांग्रेस की सरकार में भी था , फारेस्ट अधिकारी , , पुलिस अधिकारी भी थे , लेकिन यह ज़मीन अतिक्रमण की है , फारेस्ट की है , इतने सालों से किसी ने कोई शिकवा शिकायत नहीं की , उलटे , इसी फ़ार्म हाउस पर , भाजपा के बढ़े बढ़े नेता , सत्ता में रहते आये, महमान बने , इनकी क्रिकेट एकेडमी , कोटा की शान रही , कम आयु वर्ग के कई खिलाडी इस क्रिकेट एकेडमी में तय्यार हुए , नाम कमाया , ,लेकिन अचानक , अमीन पठान भाजपा से कांग्रेस में क्या गए , सब कुछ बदल गया , दुश्मनो जैसा सुलूक उनके साथ शुरू हुआ , अब फारेस्ट की ज़मीन , अतिक्रमण , ,अधिकारीयों से बदतमीज़ी , अधिकारीयों को धमकाने के मुक़दमे दर्ज होते है , क़ानूनी कार्यवाहियां हुईं , और कई अभी भी चल रही हैं , अगर कोई काम शुरू से गलत है , तो सत्ता में हो या सत्ता के बाहर , वोह गलत ही होना चाहिए , गैर क़ानूनी है ,तो उसे समर्थन नहीं देना चाहिए , लेकिन हमारे साथ हो तो सब कुछ खामोशी और हमारे खिलाफ हो तो तुम गलत हो , तुम्हे सबक़ सिखाया जाएगा , राजनीती का यह नया फंडा यह नया क़ानून ,,लोकतंत्र के लिए क्या घातक नहीं , खुद ही सोच कर बताएं , खेर सियासत में बदले की भावना से काम करना , ,विरोधी पक्ष के ताक़तवर होने पर कोई बढ़ी बात नहीं , लेकिन अमीन पठान जिस पार्टी के प्रदेश महासचिव हैं , उस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष , प्रदेश पदाधिकारी , पूर्व मुख्यमंत्री जिनके पुत्र वैभव गहलोत को , जान पर खेलकर , पार्टी लाइन के मुखालिफ जाकर, अमीन पठान ने , आर सी ऐ का अध्यक्ष बनाया उनकी चुप्पी ,, पूर्व स्थानीय मंत्रियों की चुप्पी, प्रदेश पदाधिकारियों की चुप्पी , राष्ट्रिय नेताओं की चुप्पी , कोटा के स्थानीय कोंग्रेसियों की चुप्पी , उनके अपने समाज के प्रतिष्ठित लोगों की चुप्पी , क्या शर्मनाक नहीं है , क्या , पार्टी के समर्थन में आने के बाद भी , कांग्रेस , कांग्रेस के नेताओं का कोई फ़र्ज़ नहीं बन जाता ,, अमीन पठान , उनकी पत्नी , उनके पुत्र के खिलाफ जब मुक़दमे दर्ज हुए , बुलडोज़र चले , तो कांग्रेस में कई बार विधायक रहे एक पूर्व विधायक जी ने मुझे फोन करके कहा के में इस ज़ुल्म के खिलाफ बोलना चाहता हूँ , मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस रखवाओ , खेर प्रेस कॉन्फ्रेंस की कार्यवाही शुरू हुई , इस बीच ना जाने किसका फरमान उन पूर्व विधायक जी को परेशान करने लगा ,बहाने बनाने लगे , पूर्व मंत्री विधायक जी को भी साथ रखो , उसे भी साथ रखो , इसे भी साथ रखो , प्रेस कॉन्फ्रेस की तारीख समय इन जनाब के मुताबिक़ ही तय हुई , लेकिन जनाब कोटा तो छोड़ो राजस्थान की ही सरहद छोड़ कर चले गए , बहाने बनाते रहे , फोन बंद करके बैठे रहे , खेर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी हुई, विरोध भी हुआ ,, कांग्रेस में आज भी एक तब्क़ा , कुछ चेहरे , बंधुआ मज़दूरी से ऊपर उठकर , आज़ाद तेवर दिखा रहे हैं , वोह सब प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे , खेर अमीन पठान की लड़ाई , अकेले की लड़ाइ हो गई , हाईकोर्ट , सुप्रीमकोर्ट तक की लड़ाई हो गई , स्वमं के मैनेजमेंट की लड़ाई हो गई , ,कहते हैं , ना जिसे अल्लाह रखे उसे कौन चखे , इज़्ज़त और ज़िल्लत देना खुदा के हाथ हैं , तो अमीन पठान भी मुक़ाबला कर रहे हैं , क़ानूनी जंग लड़ रहे हैं , सियासत में साथ और साथ छोड़कर जाने के मामले में पुरस्कार और बदले में तिरस्कार का यह खौफनाक उदाहरण है , राजनीती में खासकर कोटा की राजनीति में , सभी को ,, सभी दलों से जुड़े शीर्ष और ज़मीन से जुड़े लोगों को , चिंतन करना चाहिए , मंथन करना चाहिए , सियासत में असहमति पर बदले की भावना हरगिज़ हरगिज़ ना हो , सियासत दुश्मनी नहीं सिखाती , अपने शहर के लियें बहतर से बहतर करने का कम्पीटिशन सिखाती है , पूर्व मंत्री शान्ति धारीवाल इसका बहतरीन उदाहरण है, उन्होंने तेरी, मेरी से अलग हटकर कोटा शहर के विकास, सौन्दर्य को अव्वलीन बनाकर बुलन्दियों तक पहुंचा दिया, लेकिन यहां तो खेल ही अलग शुरू हो गया , अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा , जिसकी जिस भी सियासी पार्टी में मर्ज़ी हो वोह उस सियासी पार्टी में रहे , लेकिन आपसी रंजिश , बदले की भावना के खेलों को बंद कर कोटा की एक जुटता , तरक़्क़ी के लिए मिल जुलकर , संयुक्त रूप से ,, आगे बढे , कोटा का कोई भी शख्स , किसी भी पार्टी से हो अगर शीर्ष पद पर है , तो उसके ज़रिये कोटा के विकास के लिए क्या कुछ बहतर से बहतरीन करवाया जा सकता है , इसकी सांझेदारी में बिना किसी सियासी विचार के , बिना किसी सियासी नफरत के सभी दल , सर्वदलीय बैठक के साथ एक जुट हों , क्या कोटा का नसीब ऐसा हो सकेगा , क्या कोटा कोचिंग को पुनर्जीवित किया जा सकेगा, कोचिंग में हताशा, निराशा को खत्म कर कोटा के हौसलों को हवाई जहाज़ की अगर नहीं , तो क्या हौसलों की उड़ान मिलजुलकर आसमान तक उड़ा सकेंगे, तो आओ हम सब मिलकर द्वेषता खत्म करें, अपनी अपनी पार्टी में रहकर कोटा को अव्वलीन करें , क्या हम ऐसा कर सकेंगे, क्या फिर से रजवाड़ा क्रिकेट लीग जैसे राष्ट्रीय खेल कोटा में करवाये जा सकेंगे , कोटा क्रिकेट एकेडमी ज़िंदाबाद होकर क्या टोंक की तरह राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेटर दे सकेंगे, फिर क्रिकेट प्रेक्टिस शुरू हो सकेगी, देखते हैं एक बेक के बाद ,, ,लेकिन अमीन अमानतदार, दयानतदार थे, हैं , रहेंगे, उनकी पठानी आज नहीं तो कल नहीं , अभी भी ज़िंदाबाद है, इंशाअल्लाह आगे और भरपूर ज़िंदाबाद होगी, लोगों की दुआएं उनके साथ हैं, वोह आज़माएँ तो सही, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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