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14 नवंबर 2024

आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ,,,,पंडित जवाहर लाल नेहरू ,,,के स्वर्णिम कार्यकाल और शुद्ध रूप से हिंदुत्व को बढ़ावा होने के बावजूद भी , उन्हें हिन्दू विरोधी क़रार कर योजनाबद्ध तरीके से अपमानित करने के प्रयास लगातार किये जाते रहे

आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ,,,,पंडित जवाहर लाल नेहरू ,,,के स्वर्णिम कार्यकाल और शुद्ध रूप से हिंदुत्व को बढ़ावा होने के बावजूद भी , उन्हें हिन्दू विरोधी क़रार कर योजनाबद्ध तरीके से अपमानित करने के प्रयास लगातार किये जाते रहे , लेकिन अफ़सोस यह रहा के , नेहरू और गाँधी को योजनाबद्ध तरीके से अपमानित करने वाले फार्मूलों , और इनके सूत्रधारों के खिलाफ , काफी लम्बे समय तक , कांग्रेस शासन होने के बावजूद भी , ऐसे अफवाह बाज़ों को ना तो गिरफ्तार किया , ना ही उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई , ,,आज पंडित नेहरू , जिन्होंने कोटा को ,, चंबल नदी पर कोटा बैराज बनाकर विकास की गंगा बहाई , ,उनको, उनकी जयंती पर नमन ,, आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में देश का धर्म निरपेक्ष संविधान बना , जिसमे , ,धर्म , समाज , जाति , लिंग के आधार पर किसी के साथ भी कोई भेदभाव नहीं किये जाने का स्पष्ट प्रावधान रखा , लेकिन जब एस सी , एसटी , समाज को काका केलकर ने देश के इस में शामिल हर वर्ग को , कर्मकारी के आधार पर आरक्षण की सिफारिश की , तो जवाहलाल नेहरू ने , 1950, 1951 में इन कर्मकारों ,,,को आरक्षण देते वक़्त , मुस्लिम समाज को इस आरक्षण से अलग थलग कर , केवल हिन्दू समाज से जुड़े लोगों को ही आरक्षण मिले , इसके लिए , संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना को , संविधान बनते ही , कुछ सालों में ही उसकी परवाह किये बगैर ,, आरक्षण परिपत्र पर विशेष नोट अंकित कर ,,,इसे सिर्फ हिन्दू भाइयों तक ही सीमित कर दिया , मुस्लिम समाज के लोग जो कांग्रेस से जुड़े थे , वोह इस धर्मनिरपेक्ष देश के संविधान के विपरीत कुछ आंदोलन करते , देश के सभी धर्मों के लिए आरक्षण की बात करते , इसके पहले ही , उन्होंने अपने मित्र मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को , बतौर रिश्वत , ऊँचे ओहदे देकर , ,,नवाज़ा और इस विरोध को शुरू होने से पहले ,ही उनकी आँखों पर, मुंह पर पट्टी बांध कर दबा दिया , मौलाना की ज़ुबान हलक़ में अटक गई ,पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में , राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्या हुई , सुबूत थे , आर एस एस और हिंदूवादी संगठनों पर ,, ग्रह मंत्री बल्लभ भाई पटेल साहब ,ने अवैध संगठन घोषित कर , इन पर पाबंदी लगा दी थी , संघ भी उसमे शामिल था , लेकिन गांधी की हत्या के बाद ,, उनकी हत्या की रिपोर्टों के बाद भी , गांधी की हत्या के समर्थक संगठनों पर पाबंदी जो लगी थी , उनमे से संघ वगेरा जैसे संगठनों के विरुद्ध पाबंदी हटवाई , गई , उस वक़्त भी पंडित नेहरू प्रधामंत्री थे, गांधी की हत्या की साज़िश में बढ़े बढ़े नामों की फहरिस्त जांच एजेंसियों के पास थी, लेकिन किसी को फंसाया नहीं , उन नामों को शॉर्टलिस्टेड निष्पक्ष अनुसंधान पर किया गया, यह सच देश ने देखा है, , इतना ही नहीं इनके प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में , गाँधी की हत्या और शामिल ,,समर्थक संगठनों को जो खिलाफ सुबूत वाले दस्तावेज थे , उन्हें महफूज़ तक नहीं रखा , ,दस्तावेज भी नहीं बनाया , ,नतीजा यह हुआ के आज अगर कोई सूचना के अधिकार के तहत इन सूचनाओं को , वर्तमान सरकार से मांगे भी तो वोह उपलब्ध ही नहीं हो पाएंगी , ,,पंडित नेहरू ने , ,देश के लिए काम किया , ,हर समाज , खासकर हिन्दू भाइयों को ,, सम्पन्न करने के लिए आरक्षित योजना , ,संविधान की भावना के विपरीत होने पर भी , एक तरफा तोर पर लागू की , लेकिन फिर भी , उनके नसीब में गालियां , इलज़ाम रहे , आज आरक्षित वर्ग में विधायक भी है , सांसद भी हैं , पार्षद भी हैं , कलेक्टर भी हैं , पुलिस अधीक्षक भी हैं , कर्मचारी , अधिकारी भी हैं , क्योंकि आरक्षण फार्मूले को , मुस्लिम समाज के खिलाफ प्रतिबंधित कर सिर्फ हिन्दू समाज के लिए लिख देने से ,, इस वर्ग में कपड़ा बुनने वाले , मांस का व्यसाय करने वाले , समानानान्तर समाज के कर्मकारों को , आरक्षित सर्कुलर के तहत , एक धर्म से जुड़े लोगों को तो हर क्षेत्र में आरक्षण मिलता रहा और इसी व्यवसाय से जुड़े दूसरे समाज के लोग अलग थलग रहने से उनका विकास ही थम गया , वोह पिछड़ते गए , ,इस कड़वे सच के बाद भी , पंडित जवाहर लाल नेहरू के किये कराये पर , कुप्रचार की वजह से पानी फिरता रहा , उनके विरुद्ध , अफवाहे , फैलाई जाती रहीं , उन्हें अपने ही समाज का विरोधी बताया जाता रहा , जबकि पंडित जवाहर लाल नेहरू , देश का विकास चाहते थे , देश का समाजों का विकास कर रहे थे , गांधी की हत्या जैसी घृणास्पद साज़िशों के बाद भी वोह प्रतिबंधित संगठनों के विरुध्द उदार ह्रदय रखते थे , , उन्होंने प्रधानमंत्री होते हुए भी कोई बदले की कार्यवाही नहीं की , क़ानून व्यवस्था के तहत इंसाफ की कार्यवाही हुई , बुलडोज़र चलाया , ना ही , द्वेषता पूर्ण कोई कार्यवाही हुई , सिर्फ इंसाफ हुआ ,, संगठनों को भी प्रतिबंध से मुक्त कर दिया गया ,,, यहां तक दस्तावेज भी आज सम्पूर्ण तरीके से रिकॉर्ड मांगने पर शायद उपलब्ध नहीं है , इसकी पुख्ता व्यवस्था भी नहीं की ,, ऐसे पंडित जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ अगर कोई , उन्हें बदनाम करने की साज़िश करता है , तो उनकी क़ुर्बानियों को , उनके विकास कार्यों को , देश के भविष्य बच्चों को ,, आगे बढाने , उत्साहवर्धन करने के उनके जज़्बे को , लोगों तक पहुंचाना चाहिए , ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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