तो उसने झुटला दिया और न माना (21)
फिर पीठ फेर कर (खिलाफ की ) तदबीर करने लगा (22)
फिर (लोंगो को) जमा किया और बुलंद आवाज़ से चिल्लाया, (23)
तो कहने लगा मैं तुम लोंगो का सबसे बड़ा परवर दिगार हूँ, (24)
तो खुदा ने उसे दुनिया और आखरत (दोनों) के अज़ाब में गिरफ्तार किया (25)
बेशक जो शख्स (खुदा) से डरे है उस के लिए इस (किस्से) में इबरत हैं, (26)
भला तुम्हारा पैदा करना ज्यादा मुश्किल हैं या आसमान का (27)
की उसी ने उसको बनाया उसकी छत को खूब ऊंचा रख्खा फिर उसे दुरुस्त किया (28)
और उसकी रात को तरीक बनाया और (दिन को) धूप निकाली (29)
और उसके बाद ज़मीन को फैलाया (30)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 नवंबर 2024
तो उसने झुटला दिया और न माना
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)