आँखों का दान कर अमर हो गए पुखराज
2. समाजसेवी और धर्मकर्म में आस्था रखने वाले पुखराज का हुआ नेत्रदान
इंदिरा
विहार निवासी सुनील बाफना (व्यवसायी) के पिताजी श्री पुखराज बाफना का
शनिवार देर रात आकस्मिक निधन हुआ, सामाजिक और धार्मिक कार्यों में सदा
अग्रणी रहने वाले पुखराज सिर्फ नाम के ही पुखराज नहीं थे,बल्कि उनके कार्य
करने के तरीके एवं व्यवहार से देश-विदेश के लोग भी काफी परिचित थे ।
तेरापंथ
समाज में उन्होंने नींव का पत्थर बनाकर कार्य किया । धर्मगुरुओं के सेवा
कार्य और मंदिर निर्माण के कार्य में भी वह सदा अग्रणी रहे । देर रात उनके
निधन के उपरांत उनके बेटे सुनील बाफना (ज्योति-मित्र शाइन इंडिया) ने माता
प्रेमलता से नेत्रदान करवाने की सहमति ली और शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ
कुलवंत गौड़ के मार्गदर्शन में नेत्रदान का कार्य संपन्न हुआ ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)