आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

29 नवंबर 2024

जब आसमान फट जाएगा

 सूरए अल इन्शिकाक मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी पच्चीस (25) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
जब आसमान फट जाएगा (1)
और अपने परवरदिगार का हुक्म बजा लाएगा और उसे वाजिब भी यही है (2)
और जब ज़मीन (बराबर करके) तान दी जाएगी (3)
और जो कुछ उसमें है उगल देगी और बिल्कुल ख़ाली हो जाएगी (4)
और अपने परवरदिगार का हुक्म बजा लाएगी (5)
और उस पर लाजि़म भी यही है (तो क़यामत आ जाएगी) ऐ इन्सान तू अपने परवरदिगार की हुज़ूरी की कोशिश करता है (6)
तो तू (एक न एक दिन) उसके सामने हाजि़र होगा फिर (उस दिन) जिसका नामाए आमाल उसके दाहिने हाथ में दिया जाएगा (7)
उससे तो हिसाब आसान तरीके़ से लिया जाएगा (8)
और (फिर) वह अपने (मोमिनीन के) क़बीले की तरफ ख़ुश ख़ुश पलटेगा (9)
लेकिन जिस शख़्स को उसका नामए आमल उसकी पीठ के पीछे से दिया जाएगा (10)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...