अंत समय में प्रेरणा मिली तो संपन्न हुआ नैत्रदान
मोखपाड़ा, कोटा
निवासी दिनेश और विक्की जैसवानी की माताजी कविता जैसवानी का आज सुबह
आकस्मिक निधन हुआ । इसकी सूचना शहर के कई व्हाट्सएप ग्रुप पर गयी, डॉ
कुलवंत गौड़ ने जैसे ही यह शोक की खबर पढ़ी,उन्होंने तुरंत ही बेटे दिनेश
जैसवानी को माता जी के नेत्रदान करवाने के लिए प्रेरित किया ।
डॉ
गौड़ ने समझाया कि,नेत्रदान एक ऐसा कार्य है,जिससे हम आपकी माताजी कविता को
किसी दूसरे दृष्टिबाधित व्यक्ति की आंखों में रोशनी बनाकर जीवित रख सकते
हैं । दिनेश ने नेत्रदान की सारी प्रक्रिया को विस्तार से समझने के बाद घर
के करीबी रिश्तेदारों से बात की और सहमति दे दी ।
सहमति प्राप्त होते ही,नेत्रदान की प्रक्रिया परिवार के सभी सदस्यों के बीच में संपन्न हुई ।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 नवंबर 2024
अंत समय में प्रेरणा मिली तो संपन्न हुआ नैत्रदान
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)