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08 नवंबर 2024

अंत समय में प्रेरणा मिली तो संपन्न हुआ नैत्रदान

 अंत समय में प्रेरणा मिली तो संपन्न हुआ नैत्रदान

मोखपाड़ा, कोटा निवासी दिनेश और विक्की जैसवानी की माताजी कविता जैसवानी का आज सुबह आकस्मिक निधन हुआ । इसकी सूचना शहर के कई व्हाट्सएप ग्रुप पर गयी, डॉ कुलवंत गौड़ ने जैसे ही यह शोक की खबर पढ़ी,उन्होंने तुरंत ही बेटे दिनेश जैसवानी को माता जी के नेत्रदान करवाने के लिए प्रेरित किया ।

डॉ गौड़ ने समझाया कि,नेत्रदान एक ऐसा कार्य है,जिससे हम आपकी माताजी कविता को किसी दूसरे दृष्टिबाधित व्यक्ति की आंखों में रोशनी बनाकर जीवित रख सकते हैं । दिनेश ने नेत्रदान की सारी प्रक्रिया को विस्तार से समझने के बाद घर के करीबी रिश्तेदारों से बात की और सहमति दे दी ।

सहमति प्राप्त होते ही,नेत्रदान की प्रक्रिया परिवार के सभी सदस्यों के बीच में संपन्न हुई ।

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