सूर, तक़वीर मक्का में नाज़िल हुआ और इसकी 29 आयतें हैं जिस वक़्त आफ़ताब की चादर को लपेट लिया जाएगा (1)
और जिस वक़्त तारे गिर पड़ेगा (2)
और जब पहाड़ चलाए जाएँगे (3)
और जब अनक़रीब जनने वाली ऊटनिया बेकार कर दी जाएंगी (4)
और जिस वक़्त वेह्शी जानवर इकट्ठा किये जायेगे (5)
और जिस वक़्त दरिया आग हो जायेंगे (6)
और जिस वक़्त रुहें हड्डियों से मिला दी जाएंगी (7)
और जिस वक़्त ज़िन्दा दरगोर लड़की से पूछा जाएंगा (8)
कि वह किस गुनाह के बदले मारी गयी (9)
और जिस वक़्त (आमाल के) दफ्तर खोले जाएँगे (10)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
21 नवंबर 2024
और जिस वक़्त तारे गिर पड़ेगा (2)
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