जो लोग रोजे़ जज़ा को झुठलाते हैं (11)
हालाँकि उसको हद से निकल जाने वाले गुनाहगार के सिवा कोई नहीं झुठलाता (12)
जब उसके सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं तो कहता है कि ये तो अगलों के अफ़साने हैं (13)
नहीं नहीं बात ये है कि ये लोग जो आमाल (बद) करते हैं उनका उनके दिलों पर जंग बैठ गया है (14)
बेशक ये लोग उस दिन अपने परवरदिगार (की रहमत से) रोक दिए जाएँगे (15)
फिर ये लोग ज़रूर जहन्नुम वासिल होंगे (16)
फिर उनसे कहा जाएगा कि ये वही चीज़ तो है जिसे तुम झुठलाया करते थे (17)
ये भी सुन रखो कि नेको के नाम ए अमाल इल्लीयीन में होंगे (18)
और तुमको क्या मालूम कि इल्लीयीन क्या है वह एक लिखा हुआ दफ़तर है (19)
जिसमें नेकों के आमाल दर्ज हैं (20)
उसके पास मुक़र्रिब (फ़रिश्ते) हाजि़र हैं (21)
बेशक नेक लोग नेअमतों में होंगे (22)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 नवंबर 2024
जो लोग रोजे़ जज़ा को झुठलाते हैं (11)
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