आपका-अख्तर खान

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05 अक्तूबर 2024

फिर वह दिल पसन्द ऐश में होगा

 फिर वह दिल पसन्द ऐश में होगा (21)
बड़े आलीशान बाग़ में (22)
जिनके फल बहुत झुके हुए क़रीब होंगे (23)
जो कारगुज़ारियाँ तुम गुजि़शता अय्याम मे करके आगे भेज चुके हो उसके सिले में मज़े से खाओ पियो (24)
और जिसका नामए आमाल उनके बाएँ हाथ में दिया जाएगा तो वह कहेगा ऐ काश मुझे मेरा नामए अमल न दिया जाता (25)
और मुझे न मालूल होता कि मेरा हिसाब क्या है (26)
ऐ काष मौत ने (हमेशा के लिए मेरा) काम तमाम कर दिया होता (27)
(अफ़सोस) मेरा माल मेरे कुछ भी काम न आया (28)
(हाए) मेरी सल्तनत ख़ाक में मिल गयी (फिर हुक़्म होगा) (29)
इसे गिरफ़्तार करके तौक़ पहना दो (30

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