फिर) नूह ने अर्ज़ की परवरदिगार इन लोगों ने मेरी नाफ़रमानी की उस शख़्स के
ताबेदार बन के जिसने उनके माल और औलाद में नुक़सान के सिवा फ़ायदा न
पहुँचाया (21)
और उन्होंने (मेरे साथ) बड़ी मक्कारियाँ की (22)
और (उलटे) कहने लगे कि आपने माबूदों को हरगिज़ न छोड़ना और न वद को और सुआ को और न यगूस और यऊक़ व नस्र को छोड़ना (23)
और उन्होंने बहुतेरों को गुमराह कर छोड़ा (24)
और तू (उन) ज़ालिमों की गुमराही को और बढ़ा दे (25)
(आखि़र) वह अपने गुनाहों की बदौलत (पहले तो) डुबाए गए फिर जहन्नुम में
झोंके गए तो उन लोगों ने ख़ुदा के सिवा किसी को अपना मददगार न पाया (26)
और नूह ने अर्ज़ की परवरदिगार (इन) काफि़रों में रूए ज़मीन पर किसी को बसा हुआ न रहने दे (27)
क्योंकि अगर तू उनको छोड़ देगा तो ये (फिर) तेरे बन्दों को गुमराह करेंगे और उनकी औलाद भी गुनाहगार और कट्टी काफ़िर ही होगी (28)
परवरदिगार मुझको और मेरे माँ बाप को और जो मोमिन मेरे घर में आए उनको और
तमाम ईमानदार मर्दों और मोमिन औरतों को बख़्ष दे और (इन) ज़ालिमों की बस
तबाही को और ज़्यादा कर (29)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 अक्टूबर 2024
और (उलटे) कहने लगे कि आपने माबूदों को हरगिज़ न छोड़ना और न वद को और सुआ को और न यगूस और यऊक़ व नस्र को छोड़ना
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