(और) तुम पर आसमान से मूसलाधार पानी बरसाएगा (11)
और माल और औलाद में तरक़्क़ी देगा, और तुम्हारे लिए बाग़ बनाएगा, और तुम्हारे लिए नहरें जारी करेगा (12)
तुम्हें क्या हो गया है कि तुम ख़ुदा की अज़मत का ज़रा भी ख़्याल नहीं करते (13)
हालाँकि उसी ने तुमको तरह तरह का पैदा किया (14)
क्या तुमने ग़ौर नहीं किया कि ख़ुदा ने सात आसमान ऊपर तलें क्यों कर बनाए (15)
और उसी ने उसमें चाँद को नूर बनाया और सूरज को रौशन चिराग़ बना दिया (16)
और ख़ुदा ही तुमको ज़मीन से पैदा किया (17)
फिर तुमको उसी में दोबारा ले जाएगा और (क़यामत में उसी से) निकाल कर खड़ा करेगा (18)
और ख़ुदा ही ने ज़मीन को तुम्हारे लिए फर्श बनाया (19)
ताकि तुम उसके बड़े बड़े कुशादा रास्तों में चलो फिरो (20)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 अक्टूबर 2024
(और) तुम पर आसमान से मूसलाधार पानी बरसाएगा
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