9 वर्षीया पोती के नेत्रदान से प्रेरित थे,आज दादा जी का हुआ नैत्रदान
2. पोती के समय दादाजी के कारण ही संभव हुआ था नेत्रदान आज उनका भी हुआ संपन्न
3. परिवार की समझाइश कर पोती का नेत्रदान कराने वाले दादा जी का भी हुआ नेत्रदान
कोटा,
अशोका कॉलोनी निवासी संजय,महेश व विजय झमटानी के पिताजी जीवतराम झमटानी
(समाजसेवी व व्यवसायी )का आकस्मिक देर रात को हुआ था । इसकी सूचना संस्था
शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ को शोक संदेश के माध्यम से प्राप्त
हुई।
डॉ गौड़ ने संस्था के ज्योतिमित्र अनूप दीवानी को संपर्क कर
दिवंगत के परिजनों तक नेत्रदान संपन्न कराने हेतु बात रखी,जिसके बाद
जीवतराम की पत्नि सुनीता ,तीनो बेटों सहित बेटियां रेखा व रिंकू ने अपनी
सहमति तत्काल ही संस्था सदस्यों को दे दी।
ज्ञात हो पूर्व जुलाई माह
2021 में जीवतराम की 9 वर्षीया पोती प्रियांशी झमटानी के नेत्रदान में
जीवतराम जी का काफी सहयोग रहा था, प्रियांशी की उम्र कम और घोर दुखः के
सदमे से परिवार के सदस्य नेत्रदान के लिए तैयार नहीं हुए थे,तब जीवतराम ने
ही प्रयास कर पोती के नेत्रदान कराये थे । तभी से परिवार के सदस्य नेत्रदान
के प्रति पूर्णतया जागरुक है ।
परिजनों की तरफ से सहमति मिलते ही संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के नेतृत्व में नेत्रदान की प्रक्रिया को परिजनों के बीच संपन्न किया।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 अक्तूबर 2024
9 वर्षीया पोती के नेत्रदान से प्रेरित थे,आज दादा जी का हुआ नैत्रदान
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