110 किलोमीटर दूर, कोटा से आयी टीम ने नैनवां,मुक्तिधाम में लिया नेत्रदान
2. धनतेरस की पूर्व संध्या पर,कोटा से 110 किलोमीटर दूर, नैनवां आकर सम्पन्न किया नेत्रदान
झंडेवाली गली, निवासी पवन व निर्मल कुमार जैन की माताजी गटखा बाई जैन आज दोपहर आकस्मिक निधन हुआ । त्योहार के दिन हुई इस घटना से परिवार के सभी लोग शोक में आ गए । गटखा बाई काफ़ी धार्मिक विचारधारा, विनम्र स्वभाव की हंसमुख महिला थी,उनके पोते सौरभ,विनीत और पर्व का अपनी दादी से काफ़ी स्नेह था । सौरभ ने दादी माँ को किसी की आँखों में जीवित रखने के विचार से उनके नैत्रदान करवाने का मन बनाया।
सौरभ ने तुरंत ही संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र विनोद व सुमित मारवाड़ा से दादी माँ के नैत्रदान करवाने की इच्छा जाहिर की । सुमित ने तुरंत ही कोटा में ईबीएसआर कोटा चेप्टर के कॉर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ को वस्तुस्थिति से अवगत करा कर,110 किलोमीटर दूर नैनवां में नैत्रदान लेने आने को कहा ।
घर पर चल रही दिवाली की तैयारी को बीच मे छोड़कर डॉ गौड़ तुरंत ही नैत्रदान के लिये रवाना हो गये । परिजनों से नेत्रदान की सहमति मिलने के उपरांत 110 किलोमीटर दूर कोटा से डॉ कुलवन्त गौड़ नैनवां के मुक्तिधाम पहुँचे,और 200 से अधिक घर परिवार, व क़रीबी रिश्तेदारों के बीच नेत्रदान की प्रक्रिया को सम्पन्न किया ।
ज्ञात
हो की,दो साल में, नैनवां से यह पाँचवा नैत्रदान है । इससे पूर्व रतनलाल
जैन,उछब लाल जैन,कमल जैन व हेमलता जैन का नेत्रदान शाइन इंडिया फाउंडेशन के
सहयोग से हुआ था । नेत्रदान की प्रक्रिया में गटखा बाई की बेटियाँ
मनोरमा,सुशीला,शिमला,नयनतारा,मै
उपस्थित लोगों ने देखा कि 10 मिनट में होने वाली नैत्रदान की प्रक्रिया में किसी तरह का कोई रक्त नहीं निकला,न ही चेहरे पर कोई विकृति आयी ।
ज्ञात हो कि,2 वर्ष से 80 वर्ष तक कि उम्र की मृत्यु में 8 घंटो तक नैत्रदान संभव है,सर्दियों में 10 से 12 घंटे तक भी नैत्रदान संभव है, और यदि शव को डीपफ्रीज़ में रख दिया है,तो भी 18 घंटे तक भी नैत्रदान संभव है । नेत्रदान की टीम के आने तक नेत्रदाता की आँखों को पूरी तरह बंद करें, उन पर गीला रुमाल रखें और यदि पंखा चल रहा हो तो बंद कर दें। संभाग में किसी भी समय नैत्रदान सम्पन्न करवाने के लिये 8386900102,पर कॉल कर सकते हैं ।
दान में प्राप्त कॉर्निया को एम के मीडियम और कॉर्निसोल नामक द्रव्य में डाला जाता है, जिसमें यह कॉर्निया क्रमशः चार दिन और 14 दिन सुरक्षित रहता है । कोटा से आई टीम कॉर्निया को जयपुर स्थित आई बैंक सोसायटी आफ राजस्थान में भेजती है, जहां से इनका निशुल्क प्रत्यारोपण कॉर्निया की अंधता का दुख भोग रहे लोगों में किया जाता है ।
नेत्रदान के लिए कार्य करने वाली सामाजिक संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन विगत 13 वर्षों से पूरे हाड़ौती संभाग में नेत्रदान जागरुकता,नेत्र संकलन और कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए कार्य कर रही है । संस्था के सहयोग से 2600 आंखों का संकलन संभाग भर से प्राप्त किया है,जिनका नि:शुल्क प्रत्यारोपण 1800 से अधिक दृष्टिबाधित लोगों में किया गया है ।
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