करीब है कि ख़ुदा तुम्हारे और उनमें से तुम्हारे दुश्मनों के दरमियान
दोस्ती पैदा कर दे और ख़ुदा तो क़ादिर है और ख़ुदा बड़ा बख्षने वाला
मेहरबान है (7)
जो लोग तुमसे तुम्हारे दीन के बारे में नहीं लड़े भिड़े और न तुम्हें
घरों से निकाले उन लोगों के साथ एहसान करने और उनके साथ इन्साफ़ से श आने
से ख़ुदा तुम्हें मना नहीं करता बेशक ख़ुदा इन्साफ़ करने वालों को दोस्त
रखता है (8)
(9)
ऐ ईमानदारों जब तुम्हारे पास ईमानदार औरतें वतन छोड़ कर आएँ तो तुम उनको
आज़मा लो, ख़ुदा तो उनके ईमान से वाकिफ़ है ही, पस अगर तुम भी उनको ईमानदार
समझो तो उन्ही काफि़रों के पास वापस न फेरो न ये औरतें उनके लिए हलाल हैं
और न वह कुफ़्फ़ार उन औरतों के लिए हलाल हैं और उन कुफ्फ़ार ने जो कुछ (उन
औरतों के मेहर में) ख़र्च किया हो उनको दे दो, और जब उनका महर उन्हें दे
दिया करो तो इसका तुम पर कुछ गुनाह नहीं कि तुम उससे निकाह कर लो और काफ़िर
औरतों की आबरू (जो तुम्हारी बीवियाँ हों) अपने कब्ज़े में न रखो (छोड़ दो
कि कुफ़्फ़ार से जा मिलें) और तुमने जो कुछ (उन पर) ख़र्च किया हो
(कुफ़्फ़ार से) लो, और उन्होने भी जो कुछ ख़र्च किया हो तुम से माँग लें
यही ख़ुदा का हुक्म है जो तुम्हारे दरमियान सादिर करता है और ख़ुदा
वाकि़फ़कार हकीम है (10)
और अगर तुम्हारी बीवियों में से कोई औरत तुम्हारे हाथ से निकल कर काफिरों
के पास चली जाए और (ख़र्च न मिले) और तुम (उन काफि़रों से लड़ो और लूटो तो
(माले ग़नीमत से) जिनकी औरतें चली गयीं हैं उनको इतना दे दो जितना उनका
ख़र्च हुआ है) और जिस ख़ुदा पर तुम लोग ईमान लाए हो उससे डरते रहो (11)
(ऐ रसूल) जब तुम्हारे पास ईमानदार औरतें तुमसे इस बात पर बैयत करने आएँ
कि वह न किसी को ख़ुदा का शरीक बनाएँगी और न चोरी करेंगी और न जे़ना करेंगी
और न अपनी औलाद को मार डालेंगी और न अपने हाथ पाँव के सामने कोई बोहतान
(लड़के का शौहर पर) गढ़ के लाएँगी, और न किसी नेक काम में तुम्हारी
नाफ़रमानी करेंगी तो तुम उनसे बैयत ले लो और ख़ुदा से उनके मग़फि़रत की दुआ
माँगो बेशक बड़ा ख़ुदा बख़्षने वाला मेहरबान है (12)
ऐ ईमानदारों जिन लोगों पर ख़ुदा ने अपना ग़ज़ब ढाया उनसे दोस्ती न करो
(क्योंकि) जिस तरह काफि़रों को मुर्दों (के दोबारा जि़न्दा होने) की उम्मीद
नहीं उसी तरह आख़ेरत से भी ये लोग न उम्मीद हैं (13)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 सितंबर 2024
ख़ुदा तो बस उन लोगों के साथ दोस्ती करने से मना करता है जिन्होने तुमसे दीन के बारे में लड़ाई की और तुमको तुम्हारे घरों से निकाल बाहर किया, और तुम्हारे निकालने में (औरों की) मदद की और जो लोग ऐसों से दोस्ती करेंगे वह लोग ज़ालिम हैं
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