जो आला दर्जे का चुग़लख़ोर माल का बहुत बख़ील (11)
हद से बढ़ने वाला गुनेहगार तुन्द मिजाज़ (12)
और उसके अलावा बदज़ात (हरमज़ादा) भी है (13)
चूँकि माल बहुत से बेटे रखता है (14)
जब उसके सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं तो बोल उठता है कि ये तो अगलों के अफ़साने हैं (15)
हम अनक़रीब इसकी नाक पर दाग़ लगाएँगे (16)
जिस तरह हमने एक बाग़ वालों का इम्तेहान लिया था उसी तरह उनका इम्तेहान
लिया जब उन्होने क़समें खा खाकर कहा कि सुबह होते हम उसका मेवा ज़रूर तोड़
डालेंगे (17)
और इंशाअल्लाह न कहा (18)
तो ये लोग पड़े सो ही रहे थे कि तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से (रातों रात) एक बला चक्कर लगा गयी (19)
तो वह (सारा बाग़ जलकर) ऐसा हो गया जैसे बहुत काली रात (20)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 सितंबर 2024
जो आला दर्जे का चुग़लख़ोर माल का बहुत बख़ील
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