खिदमत ऐ ख़ल्क़ , यानी लोगों की हर ज़रूरत पर उसकी बिना किसी लालच के मदद, कोटा में पिछड़े अल्पसंख्यक वर्ग के लियें मल्टी स्पेशिलिटी हॉस्पिटल मुहिम कामयाब हो इसकी कामयाब कोशिशों में जुटे भाई सलीम अब्बासी नेशनल बेट्री को, उनकी सालगिराह पर बधाई, मुबारकबाद, भाई सलीम अब्बासी , ज़ाकिर हुसेन वेलफेयर सोसायटी को जीवित करने के लियें संघर्ष,भी कर रहे है, सलीम अब्बासी बेट्री व्यापार संघ अध्यक्ष , शायर , समाजसेवक, बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं,
कुछ लोग होते है , जो इतिहास बनाते है , प्यार देते है , प्यार जताते है , उनमें से एक भाई सलीम अब्बासी नेशनल बैट्री की आज सालगिराह है , उन्हें बधाई मुबारकबाद ,, कहते है ,, कोई भी शख्स मेहनत ,लगन ,इंसानियत के पैगाम के साथ अपनी ज़िंदगी को अमल बनाले ,तो अल्लाह उसे निश्चित तोर पर कामयाबी देता है ,,दयानतदारी बनाता है ,ज़ीरो से हीरो और लोगों के काम आने लायक बनाता है ,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ एक खिदमतगार ,व्यापारी , दयानतदार ,समाजसेवी ,भाई सलीम अब्बासी नेशनल बैटरी वालों की, जिन्होंने खुद अपनी मेहनत ,अपनी लगन से अल्लाह के करम से खुद को व्यापारिक प्रतिस्पर्धाओं के बीच स्थापित किया तीन दशक पहले जब स्टार्टअप कम्पनी सेटअप की सोच भी नहीं बनी थी, तब ,भाई सलीम अब्बासी ने स्टार्ट अप सिस्टम का उदाहरण पेश कर ,स्वरोजगार के नाम पर शिक्षित बेरोज़गारों को कामयाबी का अनुकरणीय संदेश दिया ,और कामयाब होने के बाद ,खुद को पैगाम ऐ इंसानियत के अमल में शामिल कर ,मोहब्बत ,इंसानियत ,क़ौमी एकता के पैगाम की कोशिशों में जुट गए ,,सलीम अब्बासी यूँ तो मेरे साथी ,मेरे भाई ,,मेरे अज़ीज़ दोस्त ,हमदम ,भाई आबिद हुसैन अब्बासी एडवोकेट के रिश्ते के चाचा भी है ,साथ पढ़े है ज़ाहिर है ,छात्र जीवन से ही इनका स्वभाव लोगों के काम आना ,अन्याय के खिलाफ संघर्ष करना और अभाव रह रहे लोगों की मदद करना ,,खुद कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर सरकारी नौकरी के ख़्वाबों को ठुकरा कर छोटे से व्यवसाय से अपने काम में लगे ,पहले रेडियटर मरम्मत का काम ,फिर वाहनों की बैटरी की बिक्री व्यवसाय में शामिल हुए ,,जिस काम में लगे उसी के हो गए ,यारी दोस्ती की ऐतिहासिक मिसाल के साथ अपने दोस्त की दोस्ती की बरकत के साथ व्यवसाय में दिन रात लगे ,ऐसे लगे के अल्लाह ने इनकी मेहनत ,लगन, ईमानदारी,,पैगाम ऐ खिदमत ,,पैगाम ए मोहब्बत से खुश होकर इन्हे दिन दूनी रात चौगुनी तरक़्क़ी देकर ,सैकड़ों पति से ,हज़ार पति ,हज़ार पति से लखपति और लखपति से करोड़ पति बना दिया ,,इंशा अल्लाह भाई सलीम अब्बासी की कामयाबी का यह सफर बैटरी व्यवसाय से ,बैटरी मेन्युफेक्चर ,इन्वर्टर मेन्युफेक्चर तक पहुंचा है ,अल्लाह इन्हे कामयाब करे ,,भाईचारा ,सद्भावना की मिसाल के साथ इनके व्यवसायियों से सलीम अब्बासी प्रतिस्पर्द्धा नहीं रखते उलटे ,उन्हें कामयाब बनाने में मदद करते है ,ऊँगली पकड़ कर चलाते है ,हौसला देते है ,और यही वजह है के बैटरी व्यवसाय की यूनियन के यह ज़िम्मेदार पदाधिकारी है ,व्यापार संघ ,,महासंघ में इनकी बेहतरीन पकड़ है ,स्कूलों में बच्चों के उत्साहवर्धन कार्यक्रम हो ,समाज के मोटिवेशन कार्यक्रम हो ,धार्मिक ,सामाजिक सरोकार से मुताल्लिक़ हर कार्यक्रम में सलीम अब्बासी व्यवसायिक व्यवस्तताओं के बावजूद शिरकत करते है ,,,सलीम अब्बासी छात्र जीवन से ही साहित्यिक जुड़ाव रखते रहे ,,है ,,इन्हे उर्दू अदब का छात्र होने से रदीफ़ क़ाफिये की पहचान के तहत शायरी का भी शोक है ,लेकिन शायरी इनका रोज़गार ,इनका व्यवसाय नहीं ,,यह मंच सांझा नहीं करते ,,प्रकाशित नहीं होते बस शायरों की नशिस्त ,,गोष्ठियों में ,अपनी साहित्यिक प्रतिभा का मुज़ाहरा करते है ,,कभी सूफियाना रंग ,तो कभी मज़दूरों की न इंसाफ़ी के खिलाफ जंग ,तो कभी गंगा जमुना तहज़ीब की पैरोकारी के संग ,यही इनकी ग़ज़लों ,नज़्मों ,के संदेश होते है ,,भाई सलीम अब्बासी ,,अब्बासी वेलफेयर सोसायटी से भी जुड़कर इनके अपने समाज में भी सामूहिक विवाह सम्मेलन ,सामाजिक सरोकार के कई कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्शाते है ,उर्दू के फरोग का मामला ,है ,,उर्दू जुबां को बचाने का संघर्ष हो ,,मज़हबी महफ़िलों के आयोजन हो सभी जगह पर सलीम अब्बासी सजग ,सतर्क हिस्सेदार बनकर मौजूद दिखाई देते है ,, सलीम अब्बासी आ ,अला फाउंडेशन सोसायटी कोटा के सक्रिय पदाधिकारी होने से पिछले पांच सालों से हर रमज़ान में रोज़ेदारों सहित आम मुसलमानो की तब्लीग ,,मज़हबी सलाह ,मज़हबी साक्षरता के तहत एक पुस्तक का प्रकाशन अपने साथियों की मदद से भाई रिज़वानुद्दीन अंसारी के सम्पादन टीम के साथ प्रकाशक टीम रहते है और सभी मिलकर इस त्रिभाषी ,हिंदी ,उर्दू ,अरबी में प्रकाशित विशिष्ठ मज़हबी ज़रूरी जानकारियों के साथ लोगों तक पहुंचाते है ,भाई सलीम अब्बासी इनकी टीम पवित्र हज यात्रा के वक़्त हज प्रशिक्षण शिविर भी रखते ,है ,इस शिविर में हाजियों की तरबियती केम्प के दौरान , हज गाइड का भी प्रकाशन करवाकर एक बुकलेट के रूप में सभी अरकान के साथ बतौर तोहफा देते है ,, सलीम अब्बासी होंकी के खिलाड़ी भी रहे है ,इसलिए ज़िंदगी को ,खिदमतगारी को ,व्यवसाय को ,,हँसते ,खेलते ,खिलखिलाते ,खेल की भावना से जीते है ,,मस्त रहते है व्यस्त रहते है ,खुश रखते है ,खुश रहते है ,सलीम अब्बासी नेशनल बैटरी मेन्युफेक्चरिंग सहित कई अन्य व्यसाय से जुड़कर लगातार तरक़्क़ी कर रहे है ,लेकिन इनके एक सक्सेना दोस्त इनके हमदम है ,जिगर का टुकड़ा व्यापारिक अटूट दोस्ती की एक मिसाल है ,,अल्लाह इनकी दोस्ती ,इनकी मोहब्बत की मिसाल बनाये रखे ,इन्हे व्यवसाय में तरक़्क़ी दे ,, गरीबों की हमदर्दी ,समाज में पिछड़ों ,दलितों ,शोषित ,उत्पीड़ितों के संघर्ष के लिए गैर राजनितिक तोर पर खिदमतगार बने रहने की तौफ़ीक़ अता करता रहे ,, इन्हे दुआओं के साथ आमीन ,सुम्मा आमीन ,,, ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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