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11 अगस्त 2024

दर्द का तकाजा है की अब मुस्कुराया जाए

 

दर्द का तकाजा है की अब मुस्कुराया जाए
बिन माचिस के ही लोगों को जलाया जाएं.
लोग कहते है की खलनायक बुरा आदमी है
मेरे खयाल से उनको भी तोहफे मे आईना दिया जाए
ये आवारगी, ये शायरी, और रातों को जागना
ये खानदानी शौक है, इसे शौक से पाला जाए
और सुना है की किसी को बहुत चुभता हु मैं
चलो आओ उसकी आँखों का इलाज किया जाए
यारों,, बहुत सुन चुके इश्क़ की अधूरी कहानियाँ
अब हर बेवफ़ा को सूली पर चढ़ाया जाए..

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