फ़रीदुल्ला खान को लोकतंत्र सेनानी सम्मान जब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने दिया , तो उन्होंने पेंशन वृद्धि ,, पुरानी पेंशन एरियर सहित देने की मांग ज्ञापन देकर उठा डाली ,,
कोटा के जंगजू सिपाही किसान ,नेता आपातकाल में मीसा बंदी ,, मीसा बंदियों को लोकतंत्र सेनानी घोषित करवाकर , उन्हें पेंशन और , लोकतंत्र सेनानी सम्मान दिलवाने के संघर्ष के प्रमुख सिपहसालार ,,कॉमरेड फ़रीदुल्ला खान को , कोटा जिला प्रशासन की तरफ से उनके अनुकरणीय कार्यों के लिए स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कोटा स्टेडियम पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में , शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उन्हें सम्मानित किया ,, फ़रीदुल्ला को सभी लोकतंत्र सेनानियों उनके समर्थक , प्रशंसकों ने बधाई दी है ,,
फ़रीदुल्ला अपने सम्मान कार्यक्रम के तहत , रुके नहीं उन्होंने सम्मान लिया गर्म जोशी से शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गले लगाकर फ़रीदुल्ला खान का स्वागत किया , उनकी प्रशंसा की , इसी बीच , फ़रीदुल्ला खान ने ,, लोकतंत्र सेनानियों के लिए शिक्षा मंत्री मदन जी दिलावर को ,ज्ञापन दिया ,, ज्ञापन में मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार द्वारा , आपातकाल बंदी पेंशन योजना में वृद्धि कर सार्वजनिक घोषणा करने ,, पिछली सरकार द्वारा जो पेंशन बंद कर दी गई थी उसकी एरियर के साथ एक मुश्त अदायगी करने और राजस्थान के आपातकाल बंदियों को ,फ्रीडम फाइटर के बराबर पेंशन और दूसरी सुविधाएँ सम्मान देने की मांग , मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेज कर की , शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कोटा जिला कलेक्टर को इस ज्ञापन को मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को भेजने के निर्देश देते हुए कहा इस मामले में वोह सहयोग ,,करेंगे ,,, ,मुख्यमंत्री जी तक आपकी बात पहुंचाऊंगा ,,, फ़रीदुल्ला खान किसी पहचान के मोहताज नहीं , कोटा ही नहीं , हाड़ोती के ही नहीं , राजस्थान और देश भर में किसान नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले फरूदुल्ला का हंसमुख चेहरा , लोगों के दुःख दर्द , ज़ुल्म ज़्यादती के वक़्त , उन्हें इंसाफ दिलाने का जज़्बा उन्हें सबसे अलग बना देता है ,, कहते हैं ,, उम्र कभी रूकती नहीं , लेकिन उम्र रोकने वाला हो , हौसले वाला हो , मोहब्बत वाला हो , लोगों के काम आने वाला हो , मुस्कुराने वाला हो , तो ऐसा शख्स हर दिल अज़ीज़ भी रहता है , और जवान तो माशाअल्लाह जवान ही बना रहता है ,, जी हाँ दोस्तों ,, लोगों के हक़ के लिए संघर्ष करने वाले जांबाज़ सिपाही , फ़रीदुल्ला खान को ,उनके इस सम्मान दिवस पर ,,,, कामयाबी , खुशहाली , सह्तयाबी , उम्रदराज़ी के ढेरों बधाइयां , शुभकामनाये , मुबारकबाद ,, फ़रीदुल्ला खान , यूँ तो मीसा बंदी होने से , लोकतंत्र सेनानी है ,लेकिन वोह किसी विचाधारा के गुलाम बनकर , किसी के भक्त बनकर , लोकतंत्र सेनानी के लक़ब को बदनाम नहीं कर रहे है , वोह आज़ाद सिपाही है ,आज भी आपात काल को बुरा कहने वाले ,जब ,सत्ता में आने के बाद ,देश की जनता के खिलाफ आपात काल से भी बुरा व्यवहार करते है , तो वोह और दूसरे वेतनभोगी , पेंशन भोगियों की तरह मुंहे में ताला लगाकर नहीं बैठते है , खुल कर , ऐसी ज़ुल्म ,ज़्यादती , मनमानी , तानाशाही , फेल्योर सरकार और उसके नेताओं की , कमिया बताते है , उनका विरोध करते है , वरना अधिकतम लोकतंत्र सेनानियों की तो , ज़ुबान हलक़ में अटक जाती है , ,फ़रीदुल्ला का आन्दोलन इसीलिए सब से अलग , सबसे जुदा , जनउपयोगी कहलाता है ,, आपात काल के बाद ,,,मीसा बंदियों को ,,,स्वतंत्रता सेनानियों का हक़ दिलाने के लिए,,, जुनूनी संघर्ष कर,,, उन्हें आत्म सम्मान दिलाने वाले,, जंगजू किसान नेता,,, फरीदुल्ला खान,,,,,एक तरफ देश भर के किसानों की स्थिति को लेकर चिंतित नज़र आते है ,,वोह देश के किसानो को फिर एक जुट कर ,,,किसान कल्याण नीति ,,के पक्ष में है , जबकि देश के मज़दूरों में बेरोज़गारी को लेकर उनकी चिंता बनी हुई है ,,फरीदुल्ला खान जो कभी राजनारायण ,,,,चौधरी चरण सिंह ,,,वी पी सिंह ,,चौधरी देवीलाल ,,भेरोसिंह शेखावत ,,,जयप्रकाश नारायण ,,,हेमवती नन्दन बहुगुणा के क्रांतिकारी साथियो में से एक रहे है ,,उन्होंने देश भर में मीसाबंदियो को आपातकाल के संघर्ष के ज़ुल्म ज़्यादती के खिलाफ इन्साफ दिलाकर ,,,उनकी ,,उनके परिवार की आर्थिक स्थित सुदृढ़ कर उन्हें सम्मान दिलवाने के लिए पेंशन योजना लागू करवाई ,,संघर्ष किया और देश भर में एक नया आंदोलन कर ,,लोकतंत्र प्रहरी ,,,सेनानियो की एक फ़ौज एकजुट कर ,,देश के नवनिर्माण के प्रयासों में जुट गए ,,वोह किसी शासन ,,किसी प्रशासन के साथ नहीं ,,राष्ट्र निर्माण ,,,दलित ,मज़दूर ,,,अल्पसंख्यक ,,पीड़ित ,,किसान सहित शोषित देशवासियो के लिए इंसाफ की एक लड़ाई ,,एक संघर्ष है ,,भाजपा ,,,बसपा ,,,सपा ,,जनतादल यूनाइटेड,,कम्युनिस्ट ,,आप पार्टी सहित सभी पार्टी के वरिष्ठ नेताओ की नाक में फरीदुल्ला ने इस सघर्ष की लड़ाई में इन्साफ की पुकार को लेकर ,,नकेल डाल रखी है ,और देश के हर राज्य के मुख्यमंत्री ,,कई केंद्रीय मंत्री ,,खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यह इन मुद्दों पर खुली चर्चा के बाद ,,आमने सामने का संघर्ष कर अपनी दहाड़ से इन्हें अवगत करा चुके है ,,,,,,आपात काल के बाद,,, मीसा बंदियों को ,,,स्वतंत्रता सेनानियों का हक़ दिलाने के लिए ,,,जुनूनी संघर्ष कर,,,,,उन्हें आत्म सम्मान दिलाने वाले,,, जंगजू किसान नेता ,,,,फरीदुल्ला खान,,,,, कोटा की उन,,,, अज़ीम हस्तियों में से है,,,, जो देश के सभी ,,,,लोकतंत्र आंदोलन कारियों के चहेते बने है ,,,,,,,कोटा में जन्मे ,,कोटा में पले ,,कोटा में पढ़े ,,,बढे हुए,, फरीद्दुल्ला खान का स्वभाव ,,,स्कूली जीवन से ही,,, क्रांतिकारी रहा है ,,ज़ुल्म ,,अत्याचार ,,अन्याय के खिलाफ,,, खुद की जान,,की परवाह किये बगैर,,, क्रन्तिकारी विरोध करना,,, इनका स्वभाव रहा है ,,,अनेको बार,,, इन्हे पुलिस के हमले का शिकार,,, होना पढ़ा ,,,किसानो ,,,गरीबों ,,मज़दूरों ,,दलितों को,,,, इन्साफ दिलाने की कोशिशों में ,,,जुटे,,, इस जांबाज़ सिपाही,,, फरीदुल्ला को,,,, राजस्थान के लोग ,,,,क्रांतिकारी कॉमरेड के रूप में,,, जानने लगे ,,लाठीवार की कई घटनाओ में,,, पुलिस ने इन्हे,,, टारगेट बनाकर पीटा ,,, बूंदी के ऐतीहासिक किसान आंदोलन में,,, पुलिस टार्गेटिव लाठीवार में ,, बेरहमी से इनकी,,, एक एक हड्डिया,, तोड़ती रही ,,लेकिन फरीदुल्ला के मुंह से,, कराहट की जगह ,,,इंक़लाब ज़िंदाबाद का नारा,,, निकलता रहा ,,,ऐसा शख्स जो ना डरा ,,ना सहमा ,,ना टूटा ,,ना बिखरा ,,अनेकों बार,,, पुलिस की दमनकारी नीतियों का शिकार हुआ,,, लेकिन इस शख्सियत ने ,,,,आखिर में ,,,आम लोगों में,,, लोहे से अटूट ,,, क्रांतिकारी इंसान की,,, एक पहचान बना ली ,,,,,कॉलेज की सियासत हो ,,मज़दूरों की सियासत हो ,,,,पत्थर मज़दूर ,,,बीड़ी मज़दूरों की ,,सियासत हो ,,अमीरों के खिलाफ,,, गरीबो का संघर्ष हो ,,,,हर बार फरीदुल्ला खान का ,,,,,,इंक़लाब ज़िंदाबाद ,,,,का नारा,,, जेल की सींखचों तक,,, पहुंचाता और जनता की दुआओं से ,,,जेल के ताले खुल जाते ,,,आपात काल का ,,,सबसे पहले विरोध करने वाले ,,,फरीदुल्ला के खिलाफ ,,,प्रशासन एक जुट हुआ और इन्हे,,, मीसा बंदी,, बनाया गया ,,,,इनके साथ ,,,कई बढ़ी हस्तियां,,, जो केंद्र में मंत्री भी रहे ,,,मौजूद थी ,,जेल में यह मुस्कुराते ,,हँसते ,,हँसाते ,,,,जेल में भी फरीदुल्ला ,,,सम्मानजनक संघर्ष और न्याय के लिए ,,,भूख हड़ताल पर बैठे ,,, जेल में मीसाबंदियो के आत्मस्वाभिमान संघर्ष के चलते फरीदुल्ला ,,जेल अधिकारीयों ,,,और पुलिस ज़ुल्म के शिकार हुए ,,आखिर में फिर,,, आपात काल का काला क़ानून ,,,खत्म हुआ और फरीदुल्ला सहित ,,,सभी मीसा बंदी ,,,रिहा हुए ,,लगभग,,, सभी मीसा बंदियों को ,,,,जनता पार्टी के वक़्त ,,,सियासी भागीदारी ,,सियासी सम्मान मिला ,,कोई मंत्री,,, कोई पदाधिकारी बना ,,लेकिन फरीदुला ने ,,,सभी सुखः सुविधाओ की पेशकशें,,, ठुकरा कर ,,फिर एक नए संघर्ष का रास्ता चुना ,,,,देश भर के जो आपात काल के बंदी ,,,थे ,,,उन्हें आपात काल के दंड के बदले ,,,आज़ादी के सिपाही का दर्जा,,, दिलवाने का संघर्ष,,, इन्होने चुना ,,,जो मीसा बंदी,,,, सत्ता की चाशनी में डूबकर,,, सरकार में मंत्री सहित,, प्रमुख ओहदों पर बैठकर,,, मज़े उड़ा रहे थे उन लोगों ने,,, फरीदुल्ला के इस विचार,,, इस फार्मूले की खिल्ली उड़ाई ,,लेकिन एकला चालो रे ,,,की नीति पर ,,फरीदुल्ला ने ,,फिर संघर्ष की अंगड़ाई ली ,,,आपात काल के दौरान अभावों की ज़िंदगी जी रहे,,, शीर्ष नेताओ को नामज़द किया ,,,उनके मंत्री और नेता बनने के पहले,,, की ज़िंदगी का कच्चा चिटठा और फिर,,,वर्तमान सुविधाभोगी ऐशो इशरत की ,,, खर्चीली,,, करोडो करोड़ रूपये की आमदनी को लेकर ,,,सवाल उठाये ,,विधानसभाओ में ,,लोकसभा ,,राज्यसभा में,,, ऐसे लोगों की आमदनी और खर्च को लेकर,,, पत्र लिखे ,,,सुचना के अधिकार अधिनियम के तहत,,,, ऐसे लोगो के बारे में रोड पति से करोड़पति होने की जानकारी चाही,,, तब सभी लोग,, हैरान परेशान हुए और फरीदुल्ला के साथ ,,,,ज़मीनी आपातकाल के सिपाहियों को पेंशन ,,स्वतंत्रता सेनानियों की तरह,,, आपात काल सेनानियों के सम्मान की लड़ाई में,,, शामिल हुए ,,देश भर में,,, हज़ारो यात्राये कर,,, फरीदुल्ला ने हज़ारों बेठके आयोजित की ,,लोगों को सूचीबद्ध किया ,,,जोड़ा ,,,और फिर एक दिन,,, फरीदुल्ला के जीत के जश्न का था ,,लोकतंत्र आंदोलन समर्थक सरकार के,,, मुख्यमंत्रियों ने,, अपने अपन राज्यों में आपात कालीन बंदियों के लिए,,,, पेंशन योजना की घोषणा की ,,सभी ने,,, फरीदुल्ला की पीठ थपथपाई ,,,फरीदुल्ला ने देश भर के मीसाबंदियों को ,,एक किया ,,अटल बिहारी वाजपेयी ,,लालकृष्ण आडवाणी ,,,जॉर्ज फर्नाडीज ,,मायावती ,,नरेंद्र मोदी ,,मुलायम सिंह ,,लालू यादव ,,,,सुषमा स्वराज ,,अरुण जेठली सहित,,, जो भी मीसाबंदी नेता रहे है,, उन्हें सभी को,,, संघर्ष का हिस्सा बनाया और आज ,,,,राजस्थान सहित पुरे देश के,,, लोकतंत्र संघर्ष समर्थित शासित राज्यों में ,,,मीसा बंदियों की पेंशन योजना लागू हुई , ,, ,,,,तो दोस्तों,,, फरीदुल्ला एक सियासत नहीं,,, एक संघर्ष है ,,,जो मज़बूत इरादों के साथ,,, अपनी जायज़ मांग ,,,,पूरी करवाने की ताक़त रखते है ,,,आज भी कोटा में रह रहे ,,,,फरीदुल्ला पर्दे के पीछे,,, रहकर ,,अपनी सियासत चलाते है ,,देश भर के शीर्ष,,, भाजपा नेताओ ,,सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों से,, मुद्दो की राजनीति पर बतियाते है ,,अपना दखल रखते है ,,वोह सहज ,,सरल ,,हंसमुख ,,निर्भीक ,,अड़ियल है ,,उनके सिद्धांतो से कोई सहमत हो या ना हो,, लेकिन,,, देश भर में उन्हें,,, सियासी तोर पर,,, दी जाने वाली सुख सुविधाये ,,,उन्होंने त्याग कर,,,, मीसा बंदियों के लिए ,,,संघर्ष कर ,,उन्हें जो इन्साफ ,,जो हक़ ,,जो सम्मान दिलाया है ,,,उसके लिए वोह,,, लोकतंत्र प्रहरी इतिहास पुरुष बन गए है ,,,,,फरीदुल्ला को बधाई ,,मुबारकबाद ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 अगस्त 2024
फ़रीदुल्ला खान को लोकतंत्र सेनानी सम्मान जब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने दिया , तो उन्होंने पेंशन वृद्धि ,, पुरानी पेंशन एरियर सहित देने की मांग ज्ञापन देकर उठा डाली ,,
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