अंतिम इच्छा थी नेत्रदान,मरणोपरांत परिजनों ने कराया संपन्न
2. नेत्रदान कर अपना नाम सार्थक कर गयी सूर्यबाला
महावीर
नगर तृतीय निवासी महेंद्र कुमार जैन की धर्मपत्नी श्रीमती सूर्यबाला जैन
का आकस्मिक निधन हुआ,पिछले काफी समय से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था । देर
रात उनके निधन के उपरांत संस्था के ज्योति मित्र संजय जैन ने शाइन इंडिया
फाउंडेशन को संपर्क किया। सूर्यबाला के पति महेंद्र, बेटे सत्येंद्र और
बेटी रेखा की सहमति से नेत्रदान का पुनीत कार्य उनके निवास स्थान पर ही
संपन्न हुआ।
सूर्य बाला ने काफी समय पहले ही,अपने नेत्रदान की
इच्छा परिजनों को बता दी थी,अतः जैसे ही यह दुखद घटना घटी, परिजनों ने
सूर्यबाला की अंतिम इच्छा अनुसार नैत्रदान का कार्य संपन्न करवाया ।
परिजनों को सुकून था कि,उनके नाम के अनुरूप हमारी माताजी किन्हीं दो
दृष्टिहीन लोगों की आँखों में रोशनी बनकर रहेगी ।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 अगस्त 2024
अंतिम इच्छा थी नेत्रदान,मरणोपरांत परिजनों ने कराया संपन्न
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