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19 अगस्त 2024

और जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ही का है, ताकि जिन लोगों ने बुराई की हो उनको उनकी कारस्तानियों की सज़ा दे और जिन लोगों ने नेकी की है (उनकी नेकी की जज़ा दे)

 और जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ही का है, ताकि जिन लोगों ने बुराई की हो उनको उनकी कारस्तानियों की सज़ा दे और जिन लोगों ने नेकी की है (उनकी नेकी की जज़ा दे) (31)
जो सग़ीरा गुनाहों के सिवा कबीरा गुनाहों से और बेहयाई की बातों से बचे रहते हैं बेशक तुम्हारा परवरदिगार बड़ी बख्शिश वाला है वही तुमको ख़ूब जानता है जब उसने तुमको मिटटी से पैदा किया और जब तुम अपनी माँ के पेट में बच्चे थे तो (तकब्बुर) से अपने नफ़्स की पाकीज़गी न जताया करो जो परहेज़गार है उसको वह ख़ूब जानता है (32)
भला (ऐ रसूल) तुमने उस शख़्स को भी देखा जिसने रदगिरदानी की (33)
और थोड़ा सा (ख़ुदा की राह में) दिया और फिर बन्द कर दिया (34)
क्या उसके पास इल्मे ग़ैब है कि वह देख रहा है (35)
क्या उसको उन बातों की ख़बर नहीं पहुँची जो मूसा के सहीफ़ों में है (36)
और इबराहीम के (सहीफ़ों में) (37)
जिन्होने (अपना हक़) (पूरा अदा) किया इन सहीफ़ों में ये है, कि कोई शख़्स दूसरे (के गुनाह) का बोझ नहीं उठाएगा (38)
और ये कि इन्सान को वही मिलता है जिसकी वह कोशिश करता है (39)
और ये कि उनकी कोशिश अनक़रीब ही (क़यामत में) देखी जाएगी (40)

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