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15 अगस्त 2024

या इन लोगों के पास ग़ैब (का इल्म) है कि वह लिख लेते हैं

 या इन लोगों के पास ग़ैब (का इल्म) है कि वह लिख लेते हैं (41)
या ये लोग कुछ दाँव चलाना चाहते हैं तो जो लोग काफि़र हैं वह ख़ुद अपने दांव में फँसे हैं (42)
या ख़ुदा के सिवा इनका कोई (दूसरा) माबूद है जिन चीज़ों को ये लोग (ख़ुदा का) शरीक बनाते हैं वह उससे पाक और पाक़ीज़ा है (43)
और अगर ये लोग आसमान से कोई अज़ाब (अज़ाब का) टुकड़ा गिरते हुए देखें तो बोल उठेंगे ये तो दलदार बादल है (44)
तो (ऐ रसूल) तुम इनको इनकी हालत पर छोड़ दो यहाँ तक कि वह जिसमें ये बेहोश हो जाएँगे (45)
इनके सामने आ जाए जिस दिन न इनकी मक्कारी ही कुछ काम आएगी और न इनकी मदद ही की जाएगी (46)
और इसमें शक नहीं कि ज़ालिमों के लिए इसके अलावा और भी अज़ाब है मगर उनमें बहुतेरे नहीं जानते हैं (47)
और (ऐ रसूल) तुम अपने परवरदिगार के हुक्म से इन्तेज़ार में सब्र किए रहो तो तुम बिल्कुल हमारी निगेहदाष्त में हो तो जब तुम उठा करो तो अपने परवरदिगार की हम्द की तस्बीह किया करो (48)
और कुछ रात को भी और सितारों के ग़़ुरूब होने के बाद तस्बीह किया करो (49)

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