1. नैत्रदान संकल्प के साथ,दूसरों की खुशी के लिए दान किये बाल
2. स्टेशन क्षेत्र एक्यूप्रेशर थैरेपिस्ट ने लिया नेत्रदान संकल्प और केश किये दान
जरूरतमंद लोगों की, खुशी को पूरा करना और उनको खुश देखकर खुश होना बहुत कम लोगों को नसीब होता है । हमारे शहर कोटा में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो दूसरों को खुशी देकर खुश होते हैं ।
रंगपुर स्टेशन क्षेत्र निवासी शिमला गौतम 20 वर्षों से एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति से काफी सारे मरीजों को लाभ पहुंचा चुकी है । थोड़े समय पहले शिमला कैंसर से पीड़ित हुई है, तभी से उन्होंने मन बना लिया था कि जीवित रहते वह अपने सभी ऐसे अंगों का दान कर जायेंगी,जिससे कम से कम कुछ लोगों की जिंदगी तो बेहतर बन सकेगी ।
इसी सोच के कारण उन्होंने,माँ सुशीला,पिता ओमप्रकाश,भाई चंदन से सहमति लेकर शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा और साथ ही उन्होंने अपने बालों को भी कैंसर के मरीजों के लिए 'विग' बनाने हेतु दान कर दिया ।
हमेशा प्रसन्नचित,और मुस्कुराती रहने वाली शिमला का कहना है कि,भले ही मैं गंभीर बीमारी से ग्रसित हूँ,पर अपना जीवन ऐसे व्यर्थ ही नहीं जाने दूंगी । इसलिए मैंने नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा ।
कैंसर के इलाज के लिए जब भी मैने ,पीड़ितों को देखा तो काफी सारे मरीजों के बाल कीमोथेरेपी के कारण झर चुके थे । मैंने सोचा इससे पहले कि मेरे बाल, मेरे शरीर का साथ छोड़ दे,मैंने उन्हें दान कर दिया । मुझे खुशी है कि,मेरे यह बाल किसी की सौन्दर्य का कारण बनेंगे ।
संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़, शिमला के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि, दूसरों के लिए सेवा भाव रखना ही, मनुष्य का मूल गुण है । शिमला से दान में मिले बालों को कैंसर मरीजों के लिए कार्य करने वाली संस्था को भिजवा दिए गए हैं । डॉ गौड़ ने यह भी बताया कि,यदि कैंसर के मरीजों को उनकी मृत्यु के 1 महीने पहले तक कीमोथेरेपी नहीं लगी है,तो नेत्रदान कार्य संभव है ।
2. स्टेशन क्षेत्र एक्यूप्रेशर थैरेपिस्ट ने लिया नेत्रदान संकल्प और केश किये दान
जरूरतमंद लोगों की, खुशी को पूरा करना और उनको खुश देखकर खुश होना बहुत कम लोगों को नसीब होता है । हमारे शहर कोटा में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो दूसरों को खुशी देकर खुश होते हैं ।
रंगपुर स्टेशन क्षेत्र निवासी शिमला गौतम 20 वर्षों से एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति से काफी सारे मरीजों को लाभ पहुंचा चुकी है । थोड़े समय पहले शिमला कैंसर से पीड़ित हुई है, तभी से उन्होंने मन बना लिया था कि जीवित रहते वह अपने सभी ऐसे अंगों का दान कर जायेंगी,जिससे कम से कम कुछ लोगों की जिंदगी तो बेहतर बन सकेगी ।
इसी सोच के कारण उन्होंने,माँ सुशीला,पिता ओमप्रकाश,भाई चंदन से सहमति लेकर शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा और साथ ही उन्होंने अपने बालों को भी कैंसर के मरीजों के लिए 'विग' बनाने हेतु दान कर दिया ।
हमेशा प्रसन्नचित,और मुस्कुराती रहने वाली शिमला का कहना है कि,भले ही मैं गंभीर बीमारी से ग्रसित हूँ,पर अपना जीवन ऐसे व्यर्थ ही नहीं जाने दूंगी । इसलिए मैंने नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा ।
कैंसर के इलाज के लिए जब भी मैने ,पीड़ितों को देखा तो काफी सारे मरीजों के बाल कीमोथेरेपी के कारण झर चुके थे । मैंने सोचा इससे पहले कि मेरे बाल, मेरे शरीर का साथ छोड़ दे,मैंने उन्हें दान कर दिया । मुझे खुशी है कि,मेरे यह बाल किसी की सौन्दर्य का कारण बनेंगे ।
संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़, शिमला के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि, दूसरों के लिए सेवा भाव रखना ही, मनुष्य का मूल गुण है । शिमला से दान में मिले बालों को कैंसर मरीजों के लिए कार्य करने वाली संस्था को भिजवा दिए गए हैं । डॉ गौड़ ने यह भी बताया कि,यदि कैंसर के मरीजों को उनकी मृत्यु के 1 महीने पहले तक कीमोथेरेपी नहीं लगी है,तो नेत्रदान कार्य संभव है ।
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