और जिन्होंने कुफ्र एख़्तेयार किया (उनसे कहा जाएगा) तो क्या तुम्हारे
सामने हमारी आयतें नहीं पढ़ी जाती थीं (ज़रूर) तो तुमने तकब्बुर किया और
तुम लोग तो गुनेहगार हो गए (31)
और जब (तुम से) कहा जाता था कि ख़ुदा का वायदा सच्चा है और क़यामत (के
आने) में कुछ शुबहा नहीं तो तुम कहते थे कि हम नहीं जानते कि क़यामत क्या
चीज़ है हम तो बस (उसे) एक ख़्याली बात समझते हैं और हम तो (उसका) यक़ीन
नहीं रखते (32)
और उनके करतूतों की बुराईयाँ उस पर ज़ाहिर हो जाएँगी और जिस (अज़ाब) की ये हँसी उड़ाया करते थे उन्हें (हर तरफ़ से) घेर लेगा (33)
और (उनसे) कहा जाएगा कि जिस तरह तुमने उस दिन के आने को भुला दिया था
उसी तरह आज हम तुमको अपनी रहमत से अमदन भुला देंगे और तुम्हारा ठिकाना
दोज़ख़ है और कोई तुम्हारा मददगार नहीं (34)
ये इस सबब से कि तुम लोगों ने ख़ुदा की आयतों को हँसी ठट्ठा बना रखा था
और दुनयावी जि़न्दगी ने तुमको धोखे में डाल दिया था ग़रज़ ये लोग न तो आज
दुनिया से निकाले जाएँगे और न उनको इसका मौका दिया जाएगा कि (तौबा करके
ख़ुदा को) राज़ी कर ले (35)
पस सब तारीफ़ ख़ुदा ही के लिए सज़ावार है जो सारे आसमान का मालिक और ज़मीन का मालिक (ग़रज़) सारे जहाँन का मालिक है (36)
और सारे आसमान व ज़मीन में उसके लिए बड़ाई है और वही (सब पर) ग़ालिब हिकमत वाला है (37)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 जुलाई 2024
और जिन्होंने कुफ्र एख़्तेयार किया (उनसे कहा जाएगा) तो क्या तुम्हारे सामने हमारी आयतें नहीं पढ़ी जाती थीं (ज़रूर) तो तुमने तकब्बुर किया और तुम लोग तो गुनेहगार हो गए
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