10 मिनट में बहन ने सहमति दी तो संपन्न हुआ नेत्रदान
2. घर में शोक पर,बहन ने सहमति दी,कराया भाई का नैत्रदान
हरिओम नगर,कच्ची बस्ती रंगबाड़ी, निवासी शुभांक सक्सेना (23 वर्ष) ने कम उम्र में ही आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया ,घर में युवा बेटे की मृत्यु के बाद में पूरे परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था । सभी करीबी रिश्तेदार अंतिम संस्कार की तैयारी में थे ।
शुभांक के निधन की सूचना जैसे ही शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ को मिली उन्होंने तुरंत ही शुभांक की बहन विशाखा से दिवंगत भाई के नेत्रदान करवाने की समझाइश की, बहन ने पूरी बात सुनने के बाद तुरंत ही पिता मनोज से बात की और नेत्रदान करवाने के लिए अपनी और से रजामंदी दे दी ।
विशाखा को इस बात का ज्ञान था कि,मरणोपरांत नेत्रदान का कार्य नेत्रदाता को मोक्ष की प्राप्ति देता है,इसीलिए उसने तुरंत ही परिवार के सभी सदस्यों को नैत्रदान करवाने के लिए राजी किया और जिसके उपरांत संस्था के ज्योति मित्र और आई बैंक के टेक्नीशियन टिंकू ओझा के सहयोग से रंगबाड़ी मुक्तिधाम में शुभांक का नेत्रदान संपन्न हुआ ।
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