ऐ , महात्मा ऐ गांधी , ,हम शर्मिंदा है ,, तेरे विचारक कुछ तो गोडसे की विचारधारा समर्थक पार्टी में गए और जो , देश को आज़ाद कराने वाली तेरी पार्टी में थे वोह भी बदल गए ,, झूंठे , मक्कार और फरेबी के साथ सुविधा भोगी , दल बदलू हो गए ,,, राजस्थान जयपुर में गहलोत सरकार द्वारा गांधी पुस्तकालय और संविधान केंद्र , खोलने अलावा गांधी शान्ति अहिंसा विभाग अलग से बनाया था , यह बात तो सच है , माल ऐ मुफ्त दिल ऐ बेरहम ,, की कहावत की तर्ज़ पर इस नामा पर गाँधी की आत्मा को घायल करके खूब अवैध खर्चे हुए ,, ,उसकी तो एक एक कोड़ी की जांच की जाकर दोषी लोगों को ज़िम्मेदार बनाकर , उनकी सूचि अख़बारों में प्रकाशित करना ज़रूरी हो गया है , दूसरी बात , ,गांधी विचार की हत्या की जा रही है ,, उसके विचार के प्रचार को खत्म करने की साज़िशें रची जा रही हैं , राजस्थान में भाजपा की सरकार , जिसमे कई कोंग्रेसी और कई गाँधीवादी है , कांग्रेस विचि विभाग के गाँधीवादी है , उनसे तो खेर उम्मीद हरगिज़ नहीं है , लेकिन जो अभी भी कांग्रेस में है , जो लोग गाँधी के नाम पर , सरकारी खर्च पर पुरे राजस्थान के भर्मण पर रहे , सर्किट हाउस की मेज़बानी के मज़े जिन्होंने लील्ये , अपने और मिलने वालों के निजी काम काज , कलेक्टर्स और अधिकारीयों से सिफारिशें करके पुरे करवाए , वोह लोग तो आगे आये , वोह लोग तो थोड़े बहुत शर्मिंदा हों , दूसरी योजनाए सरकारें बंद करती है , कोई बात नहीं लेकिन गाँधी का विभाग , गांधी दर्शन का विभाग , गांधी पुस्तकालय , संविधान केंद्र , अगर यह सब सरकार बंद करना चाहती है , तो गांधी की आत्मा के साथ खिलवाड़ है , और ऐसे में , इक्का दुक्का तो गांधीवादी अभी भी कांग्रेस में बचे होंगे , भाजपा में सभी थोड़ी गए है , उन्हें आगे तो आना ही चाहिए , ,अरे गांधीवादी तरीके से , धरने प्रदर्शन , अनशन ,, आमरण अनशन करने की हिम्मत अगर तुममे नहीं , तो गांधी की योजनाए , उसके लाभ , राजस्थान के लोगों के लिए उसकी ज़रूरत , उस पर पूर्व सरकार द्वारा कए गए खर्च , स्ट्रक्चर खर्च , कर्मचारियों की संख्या , उसकी योजना की क्रियान्विति से राजस्थान का देश , विदेश में प्रभाव , , सहित कई महत्वपूर्ण जानकारियां लेकर, जनहित याचिका माध्यम से तो अदालत के ज़रिये भाजपा के संविधान में गाँधी समर्थक ही भाजपा का सदस्य होगा , उस संविधान के उलंग्घन करके , जो भाजपा में बैठे लोग , भाजपा की सरकार में बैठे लोग , गांधीवाद को खत्म करना चाहते हैं , गांधी योजनाओं , गांधी प्रशिक्षण , गाँधी दर्शन को जो खत्म करने की साज़िशों में शामिल है , उस मामले में अदालत में तो ठोक कर कार्यवाही कर सकते हैं , यक़ीनन कुछ लोग तो अभी भी भाजपा में जाने के लिए कम इन क्यू में लगे होंगे , लेकिन बहुत कुछ तो अभी भी कांग्रेस में ही हैं , और गांधी किसी कांग्रेस , किसी भाजपा ,, किसी सपा , आदिवासी ,, हिन्दू ,, मुस्लिम के थोड़े ही हैं , किसी विचारधारा के थोड़ी है , वोह तो एक दर्शन हैं , एक विचार हैं , ,इस मामले में कांग्रेस के विधि प्रकोष्ट से जुड़े लोग चिंतन मंथन करके ,, ओरिजनल गांधीवादियों के साथ बैठक कर , शीघ्र ही , क़ानूनी और सामाजिक आंदोलन के लिए कार्ययोजना तय्यार कर भी सकते हैं ,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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