एक अंगदान,8 को जीवनदान, विषय पर कार्यशाला
2. एनसीसी केडेट्स ने जाना,क्या होता है अंगदान ?
संभाग
स्तर पर नेत्रदान-अंगदान और देहदान के विषय पर 13 वर्षों से सम्मिलित रूप
से प्रयास कर रही संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन द्धारा, राजस्थान टेक्निकल
युनिवर्सिटी कैंपस में चल रहे 14 राज बटालियन के 10 दिवसीय संयुक्त वार्षिक
प्रशिक्षण एनसीसी शिविर में ईबीएसआर-जयपुर के बीबीजे चेप्टर के कॉर्डिनेटर
एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ ने नेत्रदान,अंगदान
और देहदान के विषय पर बहुत ही उपयोगी जानकारी कल कैडेट्स को दी । इस
प्रशिक्षण शिविर में कोटा ग्रुप के 220 कैडेट्स भाग ले रहे हैं ।
डॉ
गौड़ द्वारा नेत्रदान की वर्तमान समय में जरूरत, नैत्रदान प्रक्रिया,
नैत्रदान से जुड़ी भ्रान्तियों पर विस्तार से जानकारी दी गयी । इसके साथ ही
उनको कॉर्निया की अंधता के कारण व निवारण पर भी विस्तार से समझाया गया ।
नैत्रदान मृत्यु के बाद 15 मिनट में पूरी होने वाली एक रक्त विहिन
प्रक्रिया है
, जिसमें पूरी आँख न लेकर सिर्फ कॉर्निया लिया जाता है, इससे दानदाता के चेहरे में किसी तरह की कोई विकृति भी नहीं आती ।
दूर-दराज़
से आये कई कैडेट्स ने पहली बार यह जाना कि, साधारण मृत्यु (कार्डियक डेथ)
में आँखे और त्वचा को दान करके, एवं ब्रेनडेड की अवस्था में मृत्यु पर
लिवर, हार्ट, किडनी, लंग्स, इंटेस्टाइन, पेनक्रियाज और हार्ट वाल्व को दान
करके कई जीवन बचाये जा सकते हैं । परंतु जागरूकता के अभाव के कारण कई जीवन
मौत के मुंह में जा रहे हैं ।
बीबीजे चेप्टर कॉर्डिनेटर डॉ कुलवंत
गौड़ ने बताया कि, अंगदान उन व्यक्तियों के लिए जीवनदान है, जो अंग अभाव के
कारण मौत के करीब आ चुके हैं, एक व्यक्ति के अंगदान से न्यूनतम 9 लोगों का
जीवन बचाया जा सकता है । भारतवर्ष में आज के समय में पचास हजार से ज्यादा
लोग ऐसे हैं, जिनको लीवर और हार्ट की अत्यंत आवश्यकता है । इसी तरह करीब 1
लाख से ज्यादा लोग ऐसे है,जिनको किडनी की आवश्यकता है।
शिविर में
14 राज बटालियन के कर्नल सुभाष महतो ने कैडेट्स का मनोबल बढ़ाते हुये कहा
कि,प्रत्येक मनुष्य में जीवित रहने के साथ-साथ मृत्यु के बाद भी किसी को
जीवन को बेहतर बनाने की एक अद्भुत शक्ति होती है,हमें प्रयास करना चाहिए
कि, हमारा जीवन नैत्रदान-अंगदान-देहदान क माध्यम से दूसरों को बेहतर बनाने
में काम आ सके ।
इस अवसर पर सूबेदार दुष्यंत कुमार ने कहा कि,देश को
अच्छे नागरिक देने के लिये अच्छी शिक्षा के साथ साथ, समय समय पर इस तरह के
सामाजिक कार्यों की कार्यशाला से बच्चों में न सिर्फ समाज, देश के प्रति
दायित्व बढ़ता है, बल्कि उनमें नई ऊर्जा व आत्मविश्वास का संचार करता है ।
कार्यशाला के अंत में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया । सही
उत्तर देने वालों कैडेट्स को शाइन मैडल देकर पुरस्कृत भी किया गया ।
कार्यशाला में 14 राज बटालियन के बीएचएम पेप सिंह,सीएचएम समन्दर,सूबेदार मेजर बलराम सिंह ने भी भाग लिया ।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 जून 2024
एक अंगदान,8 को जीवनदान, विषय पर कार्यशाला
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