राजस्थान विज़न 2047 मिशन, विकसित राजस्थान मामले में विधि विभाग को गृहमंत्रालय का भी सेक्टर में प्रोग्राम प्रबंधन इकाई मेंशामिल कर राज्य सरकार विधि विभाग ने , लोक अभियोजक , अपर लोक अभियोजक , विशिष्ठ लोक अभियोजक को सेक्टर समन्वयक नियुक्त कर विज़न राजस्थान 2047 विकसित राजस्थान मामले में , विशिष्ठ सुझाव का मसौदा माँगा है , ,विधि ,, और ग्रह विभाग से संबंधित त्वरित न्याय , सूक्ष्म , ईमानदार अनुसंधान , और अपराधियों को हर हाल में सज़ा मिल सके , इस मामले में बहुपक्षीय सुझाव मेने भी , राजस्थान सरकार विधि विभाग को भेजे है ,, जो इस तरह से हैं , ,
मान्यवर,
सादर वन्दे, पत्र क्रमांक, विशास/विधि/2024/105 दिनांक 7 जून 2024 के ज़रिए मान्यवर ने विकसित राजस्थान 2047 को लेकर सुझाव चाहे हैं,
मान्यवर, राजस्थान में अपराध नियंत्रण रहेगा, अपराधियों में पुलिस और सज़ा का होने का खोफ रहेगा तो अपराधी अपराध करने से डरेगा, अपराध मुक्त राजस्थान अगर रहा तो यहां विकास, सुख, समृद्धि का सकारात्मक माहौल रहेगा,
मान्यवर, अपराध घटित होते ही त्वरित एफ आई आर , प्रशिक्षित अनुसन्धान, वैज्ञानिक अनुभवों जैसे फिंगर प्रिंट, डॉग स्कवेद, डी एन ए, लाई डिटेक्टर वगेरा के साथ अनुसन्धान हो, सुबूत एकत्रित हों और फिर चालान पेश हो, त्वरित दिन , प्रतिदिन सुनवाई, होस्टाइल गवाह के विरुद्ध दण्डात्मक क़ानून, मजिस्ट्रेट या जज अदालतों द्वारा होस्टाइल गवाह खासकर मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 सी आर पी सी के बयान से मुकरने पर स्वप्रेरित संज्ञान लेकर दण्डात्मक कार्यवाही का कानून हो ताकि अपराधियों को हर हाल में सज़ा मिल सके,
मान्यवर पुलिस बीट प्रणाली कठोर हो , सम्पूर्ण सूचनाएं संकलित हों , अनुसन्धान पुलिस अलग हो, क़ानून व्यवस्था, सम्मन , तामील, नेताओं की एस्कॉर्ट, अधिकारियों के घरों पर सुरक्षा कर्मी अलग रहे, अनुसन्धान पुलिस सिर्फ इसी व्यवस्था में रहे, अनुसन्धान के बाद चालान होने पर, पूर्व में री मेमोराइज़ होकर ज़िम्मेदारी से गवाही देकर दोषियों को सज़ा यही पुलिस दिलवाए,
मान्यवर वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए सम्बन्धित उपकरण , सी सी टी वी कैमरे, प्रयोगशालाएं , तुरन्त एफ एस एल रिपोर्ट नतीजा भेजने की सम्पूर्ण व्यवस्था निगरानी में हो,
अभियोजन की व्यवस्थाओं में बदलाव हो, सरकारी कर्मचारी अभियोजक , अभियोजन अधिकारी सिर्फ फौजदारी मामलों की सुनवाई करते हैं, जबकि उनके पास सिर्फ एक अदालत होती है, उस अदालत में सिविल मामलो की सुनवाई भी उनसे ही करवाने का प्रावधान हो,
मान्यवर लोक अभियोजक , अपर लोक अभियोजक, विशिष्ट लोक अभियोजक टेम्परेरी नहीं होकर स्थाई किये जायें , सरकार बदलते ही हटाने, लगाने का अविधिक खेल खत्म हो, ताकि पत्रावलियों को लोक अभियोजक बेहतर संधारित कर सकारात्मक ज़िम्मेदारी से पैरवी कर दोषियों को परफेक्ट सज़ा दिलवा सके,
मान्यवर, लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक, विशिष्ट लोक अभियोजक के पृथक पृथक कार्यालय हों , एक स्टेनो, क्लर्क, कम से कम तीन पुलिस कर्मी, दो होमगार्ड, सहायक कर्मी दिए जाएं जो न्यायालय में गवाह तलबी के एक दो दिन पहले , अभियोजन कार्यालय में गवाहान को बुलाकर समझाइश करे, बयानों ओर जिरह का रिहर्सल करवाये, ताकि सज़ा का ग्राफ अधिकतम हो,
मान्यवर लोक अभियोजक , अपर लोक अभियोजक, विशिष्ट लोक अभियोजक को 70 वर्ष आयु सीमा तक स्थाई व्यवस्था के तहत रखें मानदेय न्यूनतम 70 हज़ार रुपये प्रति माह ओर एपियरेंस फीस 1500 रुपये कम से कम हो, सिविल वाद पैरवी फीस भी 5500 रुपये न्यूनतम हो, ताकि बेहतर तरीके से उत्साहित , जवाबदार, ज़िम्मेदार होकर पैरवी हो सके,
मान्यवर, जजों , मजिस्ट्रेटों , अभियोजन अधिकारियों , अभियोजकों की विशेषज्ञ कार्यशालाएं हों, ज्ञानवर्द्धक , उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय, के निर्णयों संशोधित क़ानूनों की अधिकतम जानकारी दी जाए , डिस्कस के लियें लेबटोप, डिजिटल लाइब्रेरी खर्च भी दिया जाए,
मान्यवर, वीडियों कॉन्फ्रेंस पर अधिकतम बयान हो सके , अभियुक्त की उपस्थिति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो , इसके लिये सभी अदालतों में पर्याप्त डिजिटल सेट अप , कम्प्यूटर , आवश्यक उपकरण , बढ़ी स्क्रीन की व्यवस्था हो ताकि अनावश्यक आवागमन , लाने , ले जाने का खर्च कम हो सके, बाहर के गवाहान का खर्च भी कम हो सके,
मान्यवर, सभी लोक अभियोजक , अपर लोक अभियोजक , विशिष्ट लोक अभियोजक, की कार्यशैली, कार्य गुणवत्ता की सूक्ष्म निगरानी हो बेहतर को पुरस्कार, खराब को तिरस्कार का फार्मूला हो, उक्त सभी लोगों का जिलेवार माह में एक बार, स्थानीय समस्याओं, आवश्यकताओं, सुझावों को लेकर, ज़िला जज, ज़िला मजिस्ट्रेट , पुलिस अधीक्षक , शहर , देहात के साथ बैठक आवश्यक रूप से सुनिश्चित हो, उक्त बैठक के हर सुझावों की पालना त्वरित हो सके ऐसी व्यवस्था हो,
अतः अपराध मुक्त राजस्थान, दोषियों को त्वरित, अधिकतम सज़ा दिलवाने वाला राजस्थान अगर हुआ तो यहां अपराधियों में खोफ क़ायम होगा, राजस्थान में भयमुक्त वातावरण, सुख, शांति, समृद्धता, विकास , भाईचारे सद्भाव का वातावरण बन सकेगा और ऐसा हुआ तभी विज़न 2047 की परिकल्पना साकार हो सकेगी,
भवदीय,
एडवोकेट अख्तर अली खान अकेला
अपर् लोक अभियोजक क्रम 5
न्यायालय परिसर नयापुरा कोटा राजस्थान
मोबाइल 9829086339
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