बेशक वह हमारी तरफ रूजू करने वाले थे इत्तेफाक़न एक दफ़ा तीसरे पहर को ख़ासे के असील घोड़े उनके सामने पेश किए गए (31)
तो देखने में उलझे के नवाफिल में देर हो गयी जब याद आया तो बोले कि मैंने
अपने परवरदिगार की याद पर माल की उलफ़त को तरजीह दी यहाँ तक कि आफ़ताब
(मग़रिब के) पर्दे में छुप गया (32)
(तो बोले अच्छा) इन घोड़ों को मेरे पास वापस लाओ (जब आए) तो (देर के
कफ़्फ़ारा में) घोड़ों की टाँगों और गर्दनों पर हाथ फेर (काट) ने लगे (33)
और हमने सुलेमान का इम्तेहान लिया और उनके तख़्त पर एक बेजान धड़ लाकर गिरा दिया (34)
फिर (सुलेमान ने मेरी तरफ) रूझू की (और) कहा परवरदिगार मुझे बख़्श दे और
मुझे वह मुल्क अता फरमा जो मेरे बाद किसी के वास्ते शायाँह न हो इसमें तो
शक नहीं कि तू बड़ा बख़्शने वाला है (35)
तो हमने हवा को उनका ताबेए कर दिया कि जहाँ वह पहुँचना चाहते थे उनके हुक्म के मुताबिक़ धीमी चाल चलती थी (36)
और (इसी तरह) जितने शयातीन (देव) इमारत बनाने वाले और ग़ोता लगाने वाले थे (37)
सबको (ताबेए कर दिया और इसके अलावा) दूसरे देवों को भी जो ज़ंज़ीरों में जकड़े हुए थे (38)
ऐ सुलेमान ये हमारी बेहिसाब अता है पस (उसे लोगों को देकर) एहसान करो या (सब) अपने ही पास रखो (39)
और इसमें शक नहीं कि सुलेमान की हमारी बारगाह में कु़र्ब व मज़ेलत और उमदा जगह है (40)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 मई 2024
बेशक वह हमारी तरफ रूजू करने वाले थे इत्तेफाक़न एक दफ़ा तीसरे पहर को ख़ासे के असील घोड़े उनके सामने पेश किए गए
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