(जवाब आएगा) ये वही फैसले का दिन है जिसको तुम लोग (दुनिया में) झूठ समझते थे (21)
(और फ़रिश्तों को हुक्म होगा कि) जो लोग (दुनिया में) सरकशी करते थे
उनको और उनके साथियों को और खु़दा को छोड़कर जिनकी परसतिश करते हैं (22)
उनको (सबको) इकट्ठा करो फिर उन्हें जहन्नुम की राह दिखाओ (23)
और (हाँ ज़रा) उन्हें ठहराओ तो उनसे कुछ पूछना है (24)
(अरे कमबख़्तों) अब तुम्हें क्या होगा कि एक दूसरे की मदद नहीं करते (25)
(जवाब क्या देंगे) बल्कि वह तो आज गर्दन झुकाए हुए हैं (26)
और एक दूसरे की तरफ मुतावज्जे होकर बाहम पूछताछ करेंगे (27)
(और इन्सान शयातीन से) कहेंगे कि तुम ही तो हमारी दाहिनी तरफ से (हमें बहकाने को) चढ़ आते थे (28)
वह जवाब देगें (हम क्या जानें) तुम तो खु़द ईमान लाने वाले न थे (29)
और (साफ़ तो ये है कि) हमारी तुम पर कुछ हुकूमत तो थी नहीं बल्कि तुम खु़द सरकश लोग थे (30)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
05 मई 2024
(जवाब आएगा) ये वही फैसले का दिन है जिसको तुम लोग (दुनिया में) झूठ समझते थे
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