तेज गर्मी में भी जारी है संस्था का नेत्रदान अभियान
 2. भागदौड़ कर 2 घंटे में दो देवलोकगामियों के नेत्रदान प्राप्त किये
शाइन
 इंडिया फाउंडेशन का नेत्रदान अभियान भीषण गर्मी में भी लगातार जारी है, 
संस्था के सहयोग से मई माह में अभी तक 38 नेत्रों का संकलन हाडोती संभाग से
 किया जा चुका है, बीते दिनों में महज 2 घंटे के भीतर संस्था की ओर से दो 
देवलोकगामियों के नेत्रदान का कार्य संपन्न हुआ है ।
संस्था के 
ज्योति मित्र मुकेश अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार शाम को स्टेशन क्षेत्र 
निवासी मनोज कुमार का आकस्मिक निधन हुआ । मनोज के माता-पिता का काफी समय से
 कुछ पता नहीं चल रहा था, इसलिये यह 15 साल से स्टेशन क्षेत्र निवासी 
राजेंद्र प्रसाद शर्मा के यहां पर परिवार के सदस्य की तरह था। राजेंद्र 
प्रसाद ने बताया की मनोज बहुत ही सरल स्वाभाव व मेहनती था, वह हमारे जब से 
आया एक परिवार के सदस्य की तरहं उसने अपना जीवन यापन किया। जैसे ही मनोज की
 आज असामयिकमृत्यु हुई, तुरंत ही परिवार के सदस्यों ने उनके जन्म को सार्थक
 करने के उद्देश्य से नेत्रदान का पुनीत कार्य संपन्न करवाया । नेत्रदान 
प्रक्रिया के दौरान कोटा जंक्शन निवासी ज्योतिमित्र राजेंद्र अग्रवाल का भी
 सहयोग रहा। 
इसी क्रम में मंगलवार को ही वरिष्ठ समाज सेवी अर्जुन 
देव चड्ढा जी का भी आकस्मिक निधन हुआ । उसके उपरांत उनके बेटे राकेश और 
मुकेश चड्ढा ने तुरंत ही संस्था शाइन इंडिया को संपर्क कर पिताजी के 
नेत्रदान का पुण्य कार्य संपन्न करवाया, साथ ही नेत्रदान प्रक्रिया के 
दौरान देव साहब के शिष्य  किशन आर्य  का भी सहयोग रहा।  अर्जुन देव आर्य 
समाज और शहर की कई सारी सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी रहे हैं, वह जीवित 
रहते कैंसर जैसी विकत बीमारी को हराकर भी अपना जीवन भली भांति जी रहे थे, 
साथ ही महिलाओं,बच्चों और बुजुर्गों के लिए उनका योगदान सराहनीय है ।
समाज
 में आज नेत्रदान के कार्य को लेकर बड़ी सजगता बन गई है, उदाहरण के तौर पर 
जैसे ही आज समाज में या  परिवार में किसी भी प्रियजन की मृत्यु होती है तो,
 उनके परिजन बिना किसी संकोच के नेत्रदान के कार्य को श्रद्धांजलि स्वरुप 
संपन्न करवाते आ रहें हैं। जिसका परिणाम यह की संस्था द्वारा जो महीने में 
10 से 5 जोड़ी नेत्रदान गतवर्षों में आया करते थे वह आज हर माह 20 से 25 
जोड़ी नेत्रदान संस्था के अनवरत अथक प्रयासों से संपन्न हो रहें हैं।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 मई 2024
तेज गर्मी में भी जारी है संस्था का नेत्रदान अभियान
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