कोटा विज्ञाननगर सहित पुराने और नए कोटा के मुख्य नालों की अंदर से सफाई पूरी तरह से नहीं हुई तो नया और पुराना कोटा बाढ़ जैसी स्थिति के संकट में आ सकता है ,,
कोटा 20 मई ,, कोटा में चुनाव आचार संहिता के चलते , नगर निगम , नगर विकास न्यास के विधि नियमों के विपरीत चाहे सैकड़ों बहुमंज़िली असुरक्षित बिल्डिंग बन गए हो , लेकिन बरसात के पूर्व अगर नालों की सही तरह से सफाई नहीं हुई,, कोटा उत्तर , कोटा दक्षिण , नगर विकास न्यास , सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित सभी एजेंसियों ने संयुक्त प्रयास नहीं किये तो विज्ञाननगर सहित पुराने और नए कोटा की सड़कों और बस्तियों में बाढ़ की गंभीर स्थिति को रोकना असम्भव सा है ,, ,मानसून पूर्व बाढ़ की स्थिति को रोकने के लिए , कोटा उत्तर , कोटा दक्षिण के नालों की सफाई की शुरुआत तो हुई है , लेकिन रस्मन ,, या फिर शिकायतन हुई है ,,, कोटा विज्ञाननगर में , करोड़ों करोड़ रूपये के सीवरेज के काम हुए , करोड़ों करोड़ के सी सी सड़क का काम हुआ ,लेकिन आज सड़कें टूटी फूटी है , नालों में गंदगी अटी पढ़ी है नालों के ढकान पर दुकानों के क़ब्ज़े है , कुछ एक दुकानदारों ने बहुमंज़िली इमारतें विधिं नियमों के विपरीत तो बनाई है , जहां फायर सेफ्टी सहित कई सुरक्षात्मक उपाय नहीं होने से खतरे की घंटी हमेशा बनी हुई है , इस पर दुकानों के सामने जो , नगर विकास न्यास के मास्टर प्लान में , पार्किंग की ज़मीन है वहां भी अतिक्रमण कर , इंटरलॉकिंग किया गया है , इतना ही नहीं , उक्त स्थान पर अवैध रूप से किरायेदारी में ज़मीन देकर कई स्टाल , ठेले लगे हुए है , इन्हे लाइट कनेक्शन भी इन्ही दुकानों से मिला हुआ है , अकेले विज्ञाननगर में ही नहीं , शहर की हर कॉलोनी ,, हर थाना क्षेत्र में अगर बीट वाइज़ सर्वेक्षण करवाया जाए तो सरकारी ज़मीन पर गुप्त रूप से किरायेदारी का सच , बिजली व्यवस्था के नाम पर खुल कर सामने आ जाएगा, खेर हाल ही में नाला सफाई करने आये कर्मचारियों ने , बढ़ी बेरहमी से इंटरलॉकिंग बनी जगह को तोडा , नाला सफाई के लिए पत्थर हटाए , लेकिन कुछ जगह पत्थर हटाए , तो कुछ जगह छोड़ दिए जबकि दिनेश गैस एजेंसी वाले रोड पर तो नालों पर से एक भी अतिक्रमण हटा कर ,, नालों की सफाई नहीं की गई, जबकि उक्त नालों में बरसात का पानी रुक जाने से , पानी सड़कों पर बहकर आ जाता है , और सड़कों पर दो से चार चार फुट पानी भर जाने से आवागमन बाधित होता है , घरों में पानी घुस जाता है , ,यह समस्या अकेले विज्ञाननगर की नहीं , छत्र पूरा ,, ,संजय नगर ,, तलवंडी , जवाहर नगर , वक़्फ़ नगर , दादाबाड़ी ,, केशवपुरा , महावीरनगर , कंसुआ , प्रेमनगर , छावनी , गुमानपुरा , किशोरपुरा ,, वक़्फ़ नगर , ,,कैथूनीपोल , मोखापाड़ा , श्रीपुरा , लाल बुर्ज ,, घंटाघर ,लाडपुरा रामपुरा , नयापुरा , भीमगंजमंडी सहित , अलग अलग नै बसाई गई बस्तियों की स्थिति यही बनी है , अगर वक़्त रहते अभियान के रूप में , बिना किसी पक्षपात के साफ़ सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया , नालों की सफाई नहीं हुई , तो बरसात के वक़्त , उक्त बस्तियों में सड़कों पर पानी का उफान होगा , जन जीवन अस्तव्यस्त हो जाएगा ,, स्थिति दुष्कर हो जायेगी , अगर ऐसा हुआ , तो जन धन की भी हानि होने की संभावना है,खेर रस्मन तो नालों की सफाई भी हो रही है, उच्च स्तरीय लोगों की साइलेंट पार्टनर शिप में साफ़ सफाई , अभियान भी चल रहा है , नालों की साफ़ सफाई का एम बी ,मेज़रमेंट बुक नाप स्थिर नहीं रह सकता , कितना गहरा साफ़ किया , कितना कचरा उठाया , इन सब का कोई दुबारा क्रॉस जांच अगर करें तो सो फीसदी सही तरह से नहीं हो सकती क्योंकि नालों में गंदगी रोज़ आती है , गंदगी रोज़ बढ़ती है , फेंकी जाती है , ऐसे में , जो कर दो वही असल , सही और सच है , ,जिला प्रशासन ने अगर बरसात पूर्व , नालों की साफ सफाई , पर ध्यान नहीं दिया , बरसात के पानी की निकासी का पूर्व सर्वेक्षण कर , उसके बहाव को , बिना रुकावट के नहीं किया ,, सड़कों की मरम्मत , खड्डों की मरम्मत , नालों ,, नालियों पर ढकान , सड़कों का नालों की तरफ बहाव बनाकर समतलीकरण अगर नहीं किया , तो सड़कें हर बार की तरह फिर जाम होने की संभावना है , जिससे जन जीवन अस्त व्यस्त होकर दुर्घटनाओं की भी सम्भावनाये रहेंगी , देखते है , कोटा की सफाई में कांग्रेस से भाजपा में गए महापौर, पार्षद ,, नेतागण , प्रतिनिधि , अधिकारी किस तरह तालमेल बनाकर , व्यवस्थित करते है , यह तो बरसात के वक़्त नालों के बहाव , ,सड़कों पर उफान के बाद ही पता चल सकेगा, ,, देखते हैं एक ब्रेक के बाद ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 मई 2024
कोटा विज्ञाननगर सहित पुराने और नए कोटा के मुख्य नालों की अंदर से सफाई पूरी तरह से नहीं हुई तो नया और पुराना कोटा बाढ़ जैसी स्थिति के संकट में आ सकता है ,,
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