इसमें शक नहीं कि नूह हमारे (ख़ास) ईमानदार बन्दों से थे (81)
फिर हमने बाक़ी लोगों को डुबो दिया (82)
और यक़ीनन उन्हीं के तरीक़ो पर चलने वालों में इबराहीम (भी) ज़रूर थे (83)
जब वह अपने परवरदिगार (कि इबादत) की तरफ (पहलू में) ऐसा दिल लिए हुए बढ़े जो (हर ऐब से पाक था (84)
जब उन्होंने अपने (मुँह बोले) बाप और अपनी क़ौम से कहा कि तुम लोग किस चीज़ की परसतिश करते हो (85)
क्या खु़दा को छोड़कर दिल से गढ़े हुए माबूदों की तमन्ना रखते हो (86)
फिर सारी खु़दाई के पालने वाले के साथ तुम्हारा क्या ख़्याल है (87)
फिर (एक ईद में उन लोगों ने चलने को कहा) तो इबराहीम ने सितारों की तरफ़ एक नज़र देखा (88)
और कहा कि मैं (अनक़रीब) बीमार पड़ने वाला हूँ (89)
तो वह लोग इबराहीम के पास से पीठ फेर फेर कर हट गए (90)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 मई 2024
फिर हमने बाक़ी लोगों को डुबो दिया
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