बात अकेले बाबा रामदेव की नहीं , , बात कहावत ,, जैसी करनी , वैसी भरनी ,, के चरितार्थ होने की है , यक़ीनन , जो जैसा करता है वैसा भरता है , क्योंकि एक अदालत उपरवाले की होती है , वहां की लाठी में आवाज़ नहीं होती , कमोबेश ,सुप्रिम कोर्ट में बाबा रामदेव की ठगी , झूंठ , जुमलेबाज़ी ,, के मामले में चल रही सुनवाई में जो उन्हें लताड़ मिल रही है , यह उनकी करतूतों का नसीब है ,
दोस्तों सभी जानते हैं , 2014 चुनाव के पहले , बाबा रामदेव ,,अन्ना हज़ारे जैसे कई बाबा , समाजसेवक , भाजपा के चुनाव प्रचार में थे , अन्ना हज़ारे की तो पूरी टीम भाजपा के टिकिट पर चुनाव लड़ी थी , मंत्री भी बनी , कोई गवर्नर बना , कोई क्या बना , बाबा रामदेव ने , भाजपा के पक्ष में खुलकर प्रचार किया युवाओं और देश के आम लोगों को गुमराह किया , पेट्रोल तीस रूपये लीटर हो जाएगा , डीज़ल सस्ता हो जाएगा , सभी के खाते में पंद्रह लाख रूपये आएंगे ,, विदेश से काला धन आएगा , ब्रष्टाचारियों पर अंकुश लगेगा , वगेरा वगेरा ,, इस कुप्रचार के झांसे ,को जुमले को , देश के लोगों ने , सही समझा और , देश के वोटर्स ने ,, देश की दिशा बदलने , महंगाई को नियंत्रित करने , गरीबों को स्वरोजगार , रोज़गार , रोटी , कपड़ा मकान के लिए ,, भाजपा को खुलकर वोट दिया, , नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने ,भाजपा की सरकार बनी , लेकिन पेट्रोल के भाव अंतर्राष्ट्रीय मूल्य में कमी के बावजूद भी सातवें आसमान पर पहुँच गए , ना रोज़गार मिले , ना ही महंगाई कम हुई , किसानों को उनका हक़ नहीं मिला ,बेरोज़गारों को रोज़गार , बेघरों को ,घर नहीं मिले , और विदेश का कालाधन भी नहीं आया ,, ना ही , लोगों के खाते में पंद्रह लाख रूपये आये , ,मीडिया अचानक बदल गया , नरेंद्र मोदी जी के क़ब्ज़े में आ गया , तो फिर किसकी हिम्मत थी , किसकी हिमाक़त थी , के मीडिया का कोई भी व्यक्ति , सरकार बनते ही जेड सुरक्षा और केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त करने वाले बाबा रामदेव से कोई सवाल पूंछता ,बाबा रामदेव ने मैगी बंद करवाई , खुद की मैगी बेचीं , कई ब्रांड बनाकर व्यापारी , उद्योगपति बन गए , लेकिन मीडिया का कोई भी पत्रकार उनसे उनके झूंठे जुमलों पर , सरकार के खिलाफ चुप रहने के बारे में सवाल ही नहीं कर सका , अन्ना हज़ारे की चुप्प्पी तो बस जब केजरीवाल पर सवाल आता है ,तभी भाजपा के समर्थन में उनकी चुप्पी टूटती है ,देश के हालातों पर तो वोह भाजपा के पक्ष में हमेशा चुप ,, खामोश रहते है , ,निष्पक्ष मीडिया है ही नहीं जो वोह इस तरह के सवाल उनसे करता , खेर कोई बात नहीं , ,एक अदालत ऊपर वाले की है , उसका क़ानून जैसी करनी वैसी भरनी की तरह है , कोरोना में कोरोना गाइड लाइन के खिलाफ , बाबा रामदेव ने ,, एलोपेथी के खिलाफ झूंठ फैलाया , जनता को भड़काया , केंद्र सरकार ,, सी बी आई , ई डी वगेरा वगेरा और मीडिया खामोश रहे ,लेकिन देश के डॉक्टरों का संगठन आई एम ऐ चुप नहीं बैठा , कार्यवाही हुई , सुप्रीम कोर्ट में संज्ञान हुआ, निष्पक्ष जजों के समक्ष सुनवाई शुरू हुई , दूध का दूध पानी का पानी हुआ, लाइव कोर्ट रूम रिपोर्टिंग करना , पत्रकारों की मजबूरी हो गई , क्योंकि फिर आम जनता में उनका भरोसा ज़ीरो होने की संभावना थी , बाबा रामदेव उनके कर्मचारी , खूब कसमसाये , कोर्ट को गुमराह करने के सभी प्रयास विफल हुए , तो फिर माफ़ी माँगना पढ़ी , लेकिन माफ़ी भी दिखावटी थी सो कोर्ट को निष्पक्ष आदेश में , माफ़ी को अस्वीकार कर , उत्तराखण्ड और केंद्र सरकार द्वारा उनके खिलाफ कोई भी कार्यवाही किन कारणों से नहीं की गई , उसका भी जवाब तलब किया गया ,फिर ट्विस्ट आया ,, रिटायर्ड जजों के एक खेमें ने , बाबा रामदेव मामले की सुनवाई कर रहे , जज को प्रश्नगत करते हुए , पत्र लिखा ,, पत्र खूब वाइरल करवाया गया ,,,, अख़बारों में सोशल मीडिया में वाइरल हुआ, अजीब बात थी , एक निष्पक्ष फैसले और सुनवाई को प्रश्नगत किया गया वोह भी , जज रहे पूर्व जजों द्वारा , ,खेर नतीजा जो भी हो , ,फिर बाबा रामदेव मामले की सुनवाई हुई ,, फिर माफ़ी मांगी गई , इस बार उनकी आयुर्वेद की तारीफ की गई , और सार्वजनिक माफ़ी मांगने के निर्देश हुए , खेर नतीजा जो भी हो , वक़्त बताएगा , लेकिन बाबा रामदेव जो खुद को ,क़ानून से ऊपर समझने लगे थे , देश के हर शीर्ष वर्ग को , अपना नज़दीकी मानकर उनके खिलाफ कोई कुछ नहीं करेगा , वोह जो भी करेंगे , उसे समर्थन मिलेगा, ऐसा सोचने वाले , जिन्होंने , भाजपा के चुनाव प्रचार में लोगों को गुमराह कर सस्ता पेट्रोल सस्ता डीज़ल , पंद्रह लाख रूपये , हर खाते में , काला धन की वापसी , के जुमले बनाकर , आम जनता से भाजपा की सरकार बनवाई , एक सो चालीस करोड़ लोग , बाबा रामदेव से , कोई हिसाब नहीं ले पाए , बाबा रामदेव जसोदा बेन , पत्नी श्री नरेंद्र मोदी जी को , चुनाव के वक़्त पतंजलि ले गए , वहां महमान नवाज़ी की , खेर फिर उन्हें केबिनेट मंत्री दर्जा मिला , जेड सुरक्षा मिली , मीडिया उनके खिलाफ चुप रहा ,, लेकिन क़ुदरत का खेल है , के अब सुप्रीमकोर्ट ने पुरे देश के सामने बाबा रामदेव को उनके गलती मानने , और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की सुनवाई की , सार्वजनिक प्रकाशन , प्रसारण हुआ, और अब बाबा रामदेव को चाहें 2014 के जुमले ,, झूंठ , फरेब के लिए कुछ सज़ा ना मिली हो ,लेकिन अब ,,,उन्हें देश से , उनके कृत्य के लिए , माफ़ी मांगना पढ़ रही है ,और सुप्रीमकोर्ट ने बाबा रामदेव उनके कर्मचारी को सार्वजनिक माफ़ी मांगने के निर्देश दिए है ,,,, इसलिए कोई भी क़ुदरत के क़ानून ,, देश के क़ानून से बढ़ा नहीं है,,,,,यह देश के हर ज़ालिम , हर क़ानून तोड़ने वाले को समझ लेना चाहिए ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 अप्रैल 2024
बात अकेले बाबा रामदेव की नहीं , , बात कहावत ,, जैसी करनी , वैसी भरनी ,, के चरितार्थ होने की है , यक़ीनन , जो जैसा करता है वैसा भरता है , क्योंकि एक अदालत उपरवाले की होती है , वहां की लाठी में आवाज़ नहीं होती , कमोबेश ,सुप्रिम कोर्ट में बाबा रामदेव की ठगी , झूंठ , जुमलेबाज़ी ,, के मामले में चल रही सुनवाई में जो उन्हें लताड़ मिल रही है , यह उनकी करतूतों का नसीब है
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