वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए जिए....
विश्व महिला दिवस की पूर्व संध्या पर सुविख्यात, जाने माने रचनाकार, पुराततत्त्व संस्कृति, कला विशेषज्ञ, डॉ प्रभात कुमार सिंघल साहब की अद्भुत कृति 'जिओ तो ऐसे जिओ' का भव्य, शानदार, अप्रतिम गरिमापूर्ण लोकार्पण समारोह मण्डल पुस्तकालय में संपन्न हुआ, विशेष बात यह कि लोकार्पण महिलाओं के द्वारा ही करवाया, मंच पर केवल महिलाओं को ही स्थान दिया, उन्हीं से पुस्तकों का वितरण करवाया गया,.
डॉ प्रभात कुमार जी पर्दे के पीछे ही रहे, यह बहुत बहुत बड़ी बात है,....यह आपकी 33वीं पुस्तक है।वाकई महिला दिवस को सार्थक कर दिया आपने,
उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक में हाड़ोति अंचल की विभिन्न क्षेत्रों में साहित्य, संगीत, कला, इतिहास, नृत्य, गायन, पुरातत्व, भूगोल, शिक्षा, समाज सेवा, डबिंग आदि में विशेष योगदान देने वाली 99प्रतिभाओं के व्यक्तित्त्व, कृतित्व को अथक, साधना श्रम,दिन रात की मेहनत से लिखना, प्रकाशित करवाना बहुत ही बड़ी बात है, मैं अथ से इति तक साक्षी रही हूँ, इसकी...... अपने लिए सब करते हैं, दूसरों के लिए इतना कुछ करना,....वो भी केवल अपने ही बलबूते पर करना...कोई विलक्षण व्यक्तित्त्व ही कर सकता है,..... इस प्रोग्राम में पूरा सहयोग कर्मठ साधक पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ दीपक श्रीवास्तव सह अध्यक्ष डॉ शशि जैन
ने दिया, मंच पर सुसज्जित 99पुस्तकों का बेहद आकर्षक, सलीकेदार डेकोरम पहली बार देखा, संचालन डॉ शशि जैन ने किया, डॉ प्रभात जी ने आभार व्यक्त किया, दीपक जी ने महिला दिवस पर सम्बोधित करके खूबसूरत कविता सुनाई,,...महिला कवयित्रियों ने कवितायेँ भी प्रस्तुत की..... डॉ साहब को इस कालजयी, अतुल्य, असाधारण कृति के लिए कोटि कोटि शुभकामनायें, बधाइयाँ, अभिनन्दन, साधुवाद.... कवियित्री कृष्ना कुमारी
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