(ऐ रसूल उनसे कह दो कि) मुझे तो बस यही हुक्म दिया गया है कि मै इस शहर
(मक्का) के मालिक की इबादत करुँ जिसने उसे इज़्ज़त व हुरमत दी है और हर
चीज़ उसकी है और मुझे ये हुक्म दिया गया कि मै (उसके) फरमाबरदार बन्दां में
से हूँ (91)
और ये कि मै क़ुरआन पढ़ा करुँ फिर जो शख़्स राह पर आया तो अपनी ज़ात के
नफे़ के वास्ते राह पर आया और जो गुमराह हुआ तो तुम कह दो कि मै भी एक एक
डराने वाला हूँ (92)
और तुम कह दो कि अल्हमदोलिल्लाह वह अनक़रीब तुम्हें (अपनी क़ुदरत की)
निशानियाँ दिखा देगा तो तुम उन्हें पहचान लोगे और जो कुछ तुम करते हो
तुम्हारा परवरदिगार उससे ग़ाफिल नहीं है (93)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 मार्च 2024
और ये कि मै क़ुरआन पढ़ा करुँ फिर जो शख़्स राह पर आया तो अपनी ज़ात के नफे़ के वास्ते राह पर आया और जो गुमराह हुआ तो तुम कह दो कि मै भी एक एक डराने वाला हूँ
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