सूरए अन अनक़बूत मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी उन्हत्तर (69) आयतें हैं और सात रुकूउ हैं
ख़़ुदा के नाम से ( शुरु करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
अलिफ़ लाम मीम (1)
क्या लोगों ने ये समझ लिया है कि (सिर्फ़) इतना कह देने से कि हम ईमान लाए छोड़ दिए जाएँगे और उनका इम्तेहान न लिया जाएगा (2)
और हमने तो उन लोगों का भी इम्तिहान लिया जो उनसे पहले गुज़र गए ग़रज़
ख़ुदा उन लोगों को जो सच्चे (दिल से इमान लाए) हैं यक़ीनन अलहाएदा देखेगा
और झूठों को भी (अलहाएदा) ज़रुर देखेगा (3)
क्या जो लोग बुरे बुरे काम करते हैं उन्होंने ये समझ लिया है कि वह हमसे
(बचकर) निकल जाएँगे (अगर ऐसा है तो) ये लोग क्या ही बुरे हुक्म लगाते हैं
(4)
जो शख़्स ख़ुदा से मिलने (क़यामत के आने) की उम्मीद रखता है तो (समझ रखे
कि) ख़ुदा की (मुक़र्रर की हुयी) मीयाद ज़रुर आने वाली है और वह (सबकी)
सुनता (और) जानता है (5)
और जो शख़्स (इबादत में) कोशिश करता है तो बस अपने ही वास्ते कोशिश करता
है (क्योंकि) इसमें तो शक ही नहीं कि ख़ुदा सारे जहाँन (की इबादत) से
बेनियाज़ है (6)
और जिन लोगों ने इमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए हम यक़ीनन उनके
गुनाहों की तरफ़ से क्फ्फारा क़रार देगें और ये (दुनिया में) जो आमाल करते
थे हम उनके आमाल की उन्हें अच्छी से अच्छी जज़ा अता करेंगे (7)
और हमने इन्सान को अपने माँ बाप से अच्छा बरताव करने का हुक्म दिया है और
(ये भी कि) अगर तुझे तेरे माँ बाप इस बात पर मजबूर करें कि ऐसी चीज़ को
मेरा शरीक बना जिन (के शरीक होने) का मुझे इल्म तक नहीं तो उनका कहना न
मानना तुम सबको (आखि़र एक दिन) मेरी तरफ़ लौट कर आना है मै जो कुछ तुम लोग
(दुनिया में) करते थे बता दूँगा (8)
और जिन लोगों ने इमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए हम उन्हें (क़यामत के दिन) ज़रुर नेको कारों में दाखि़ल करेंगे (9)
और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो (ज़बान से तो) कह देते हैं कि हम ख़़ुदा पर
इमान लाए फिर जब उनको ख़ुदा के बारे में कुछ तकलीफ़ पहुँची तो वह लोगों की
तकलीफ़ देही को अज़ाब के बराबर ठहराते हैं और (ऐ रसूल) अगर तुम्हारे पास
तुम्हारे परवरदिगार की मदद आ पहुँची और तुम्हें फ़तेह हुयी तो यही लोग कहने
लगते हैं कि हम भी तो तुम्हारे साथ ही साथ थे भला जो कुछ सारे जहाँन के
दिलों में है क्या ख़ुदा बख़ूबी वाकि़फ नहीं (ज़रुर है) (10)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 मार्च 2024
क्या लोगों ने ये समझ लिया है कि (सिर्फ़) इतना कह देने से कि हम ईमान लाए छोड़ दिए जाएँगे और उनका इम्तेहान न लिया जाएगा
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