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19 मार्च 2024

मूसा ने अर्ज़ की परवरदिगार मैने उनमें से एक शख़्स को मार डाला था तो मै डरता हूँ कहीं (उसके बदले) मुझे न मार डालें

 और यह (भी आवाज़ आयी) कि तुम आपनी छड़ी (ज़मीन पर) डाल दो फिर जब (डाल दिया तो) देखा कि वह इस तरह बल खा रही है कि गोया वह (जि़न्दा) अजदहा है तो पीठ फेरके भागे और पीछे मुड़कर भी न देखा (तो हमने फरमाया) ऐ मूसा आगे आओ और डरो नहीं तुम पर हर तरह अमन व अमान में हो (31)
(अच्छा और लो) अपना हाथ गरेबान में डालो (और निकाल लो) तो सफेद बुर्राक़ होकर बेऐब निकल आया और ख़ौफ़ की (वजह) से अपने बाजू़ अपनी तरफ़ समेट लो (ताकि ख़ौफ जाता रहे) ग़रज़ ये दोनों (असा व यदे बैज़ा) तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से (तुम्हारी नुबूवत की) दो दलीलें फ़िरऔन और उसके दरबार के सरदारों के वास्ते हैं और इसमें शक नहीं कि वह बदकार लोग थे (32)
मूसा ने अर्ज़ की परवरदिगार मैने उनमें से एक शख़्स को मार डाला था तो मै डरता हूँ कहीं (उसके बदले) मुझे न मार डालें (33)
और मेरा भाई हारुन वह मुझसे (ज़बान में ज़्यादा) फ़सीह है तो तू उसे मेरे साथ मेरा मददगार बनाकर भेज कि वह मेरी तसदीक करे क्योंकि यक़ीनन मै इस बात से डरता हूँ कि मुझे वह लोग झुठला देंगे (तो उनके जवाब के लिए गोयाइ की ज़रुरत है) (34)
फ़रमाया अच्छा हम अनक़रीब तुम्हारे भाई की वजह से तुम्हारे बाज़ू क़वी कर देगें और तुम दोनों को ऐसा ग़लबा अता करेंगें कि फ़िरऔनी लोग तुम दोनों तक हमारे मौजिज़े की वजह से पहुँच भी न सकेंगे लो जाओ तुम दोनो और तुम्हारे पैरवी करने वाले गा़लिब रहेंगे (35)
ग़रज़ जब मूसा हमारे वाजे़ए व रौशन मौजिज़े लेकर उनके पास आए तो वह लोग कहने लगे कि ये तो बस अपने दिल का गढ़ा हुआ जादू है और हमने तो अपने अगले बाप दादाओं (के ज़माने) में ऐसी बात सुनी भी नही (36)
और मूसा ने कहा मेरा परवरदिगार उस शख़्स से ख़ूब वाकि़फ़ है जो उसकी बारगाह से हिदायत लेकर आया है और उस शख़्स से भी जिसके लिए आखि़रत का घर है इसमें तो शक ही नहीं कि ज़ालिम लोग कामयाब नहीं होते (37)
और (ये सुनकर) फ़िरऔन ने कहा ऐ मेरे दरबार के सरदारों मुझ को तो अपने सिवा तुम्हारा कोई परवरदिगार मालूम नही होता (और मूसा दूसरे को ख़़ुदा बताता है) तो ऐ हामान (वज़ीर फ़िरऔन) तुम मेरे वास्ते मिट्टी (की ईटों) का पजावा सुलगाओ फिर मेरे वास्ते एक पुख़्ता महल तैयार कराओ ताकि मै (उस पर चढ़ कर) मूसा के ख़ुदा को देंखू और मै तो यक़ीनन मूसा को झूठा समझता हूँ (38)
और फ़िरऔन और उसके लशकर ने रुए ज़मीन में नाहक़ सर उठाया था और उन लोगों ने समझ लिया था कि हमारी बारगाह मे वह कभी पलट कर नही आएँगे (39)
तो हमने उसको और उसके लशकर को ले डाला फिर उन सबको दरिया में डाल दिया तो (ऐ रसूल) ज़रा देखों तो कि ज़ालिमों का कैसा बुरा अन्जाम हुआ (40)

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